राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने मंगलवार को कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल में 12 परिसरों पर एक साथ छापेमारी शुरू की है. कथित तौर पर माओवादियों से जुड़े लोगों से संबंधित ठिकानों पर यह छापेमारी की गई है. एनआईए सूत्रों ने बताया कि दो महिलाओं और उनके सहयोगियों के माओवादियों के साथ कथित संबंधों के संबंध में नेताजी नगर, पानीहाटी, बैरकपुर, सोदपुर, आसनसोल और पश्चिम बंगाल के कई अन्य स्थानों पर छापेमारी चल रही है.
सूत्र ने बताया कि इन महिलाओं ने कथित तौर पर पूर्वी भारत में माओवादी नेटवर्क फैलाने के लिए उन्हें भेजे गए धन को हड़प लिया था. माओवादी संगठन में इन लोगों की वास्तविक भूमिका का पता लगाने के लिए ये छापेमारी चल रही है. उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं. हाल के समय में एनआईए द्वारा देश में ऐसे तत्वों पर नकेल कसी जा रही है जो माओबादी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं. इसी क्रम में अब पश्चिम बंगाल में यह छापेमारी हुई है.
माओबादी संगठनों पर नकेल कसने और इससे जुड़ी गतिविधियों को रोकने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से विशेष सख्ती बरती जा रही है. इसमें नक्सल प्रभावित राज्यों में विशेष अभियान चलाना. नक्सल संगठनों को आर्थिक सहयोग देने वालों का पता लगाना. उनके नेटवर्क को तोडना और उनकी हर गतिविधि को पूरी सख्ती से खत्म करना सबसे अहम है. इसे लेकर छतीसगढ़ में भी हाल में ही छापेमारी हुई है. वहीं अब पश्चिम बंगाल में छापेमारी हुई है.
फ़िलहाल कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल में 12 परिसरों पर एक साथ शुरू हुई छापेमारी में किन लोगों का पता लगा है. कैसे दस्तावेज बरामद हुए है. साथ ही इनके नेटवर्क कहाँ कहां रहे हैं इसे लेकर कोई खुलासा नहीं किया है. एनआईए की इस कार्रवाई को पश्चिम बंगाल में माओबादी संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.