नीति आयोग ने इनोवेशन को बढ़ावा देने वालों को किया सम्मानित

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देश में नवाचार को बढ़ावा देने की भारत सरकार की पहल अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) के तहत चुने गए 15 इन्नोवेटर्स को आज मंगलवार को नीति आयोग ने एक-एक लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। यह सम्मान कम्युनिटी इनोवेटर फेलोशिप नाम से दिया गया। इस स्कीम के तहत पहले 100 लोगों को चिह्नित किया गया था। अंत में 15 लोगों को चयनित किया गया।

हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाली उमा शर्मा ने बताया कि मैं पॉलीमर कंज्यूमर्स नाम के प्रोजेक्ट में काम करती हूं। हमारे देश में पॉल्यूशन की गंभीर समस्‍या है। हमारे प्रोजेक्ट के तहत प्लास्टिक को रिसाइकल करने के लिए बहुत सारी प्रक्रियाएं चल रही हैं। प्लास्टिक हमारे शरीर के लिए और हमारे वातावरण के लिए काफी खतरनाक होता है। हम एक ऐसी मशीन पर काम कर रहे हैं, जो सस्टेनेबल और इको फ्रेंडली है। वह सोलर पावर मशीन है। उन्होंने आगे कहा, “हम जो सामान प्रोड्यूस कर रहे हैं, वह काफी इको फ्रेंडली है। हम सेल्फ हेल्प ग्रुप और एनजीओ को भी साथ लेकर चल रहे हैं।”

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले एक व्यक्ति बताते हैं,“मैं मेरठ में स्थित मेरठ फाउंडेशन से जुड़ा हुआ हूं और छह सालों से प्रॉब्लम-ओरिएंटेड रिसर्च पर काम कर रहा हूं। इसमें हम छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान करते हैं और कुछ प्रोडक्ट्स तैयार करते हैं। एक प्रोडक्ट को हम ‘वाशटेम’ नाम से लॉन्च कर रहे हैं। यह नीति आयोग के तहत एक प्रोजेक्ट है। हमारा विचार यह है कि आमतौर पर लोग रॉकेट साइंस जैसी जटिल चीजों में फंस जाते हैं, जो बहुत अधिक निवेश की मांग करती हैं और अंत में परिणाम तक नहीं पहुंच पाते। वे सिर्फ विचारों तक ही सीमित रहते हैं। इसलिए हम सोचते हैं कि पहले हम अपनी खुद की समस्याओं पर ध्यान दें, जो हमारे परिवार, दोस्तों, और सामान्य लोगों के साथ हो रही हैं।”

उन्होंने कहा, “एक आम समस्या, जो हम सभी को दिखती है, वह है कि मेट्रो सिटी में होटल्स और अस्पतालों में तो डिस्पेंसर मिल जाते हैं, जिनमें हाथ धोने के लिए लिक्विड सोप होता है। लेकिन अगर हम बाहर स्ट्रीट फूड खा रहे हैं या कहीं बाहर गए हैं, तो हमें उस स्थिति में हाथ धोने का कोई अच्छा उपाय नहीं मिलता। खासकर अगर हाथों पर तेल या गंदगी लगी हो, तो सामान्य पानी से वो पूरी तरह से साफ नहीं होते। इसके लिए हमें किसी डिटर्जेंट जैसे समाधान की जरूरत थी। हमने देखा कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, और हर जगह इस समस्या का सामना लोग करते हैं। इसलिए, हमें एक ऐसा समाधान चाहिए था, जिसे लोग अपने साथ हर वक्त ले जा सके, जैसे मोबाइल फोन। इस विचार से ‘वाशटेम’ नाम का प्रोडक्ट जन्म लिया। यह एक खास कंटेनर में डिस्क की तरह होता है, जो पानी में डालने पर घुलकर हाथ धोने के लिए तैयार हो जाता है, जैसे कि कोई टैबलेट।” उन्होंने कहा कि हमारा प्रोडक्ट जल्द ही मार्केट में उपलब्ध होगा।”

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.