गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 साल पुरानी परंपरा को तोड़ दिया. दिलचस्प बात ये है कि इस परंपरा की शुरूआत खुद नीतीश कुमार ने की थी. गणतंत्र दिवस ही नहीं बल्कि पिछले कुछ दिनों के कई वाकयों से सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है.
नीतीश ने तोड़ी परंपरा
दरअसल 2005 में बिहार की सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने स्वतंत्रता दिवस औऱ गणतंत्र दिवस के मौके पर नयी परंपरा की शुरूआत की थी. दोनों मौके पर गांधी मैदान में झंडोत्तोलन के बाद मुख्यमंत्री किसी महादलित टोले में जाते थे. वहां उनकी मौजूदगी में महादलित टोले में झंडोत्तोलन होता है. 2014 में नीतीश कुमार ने जब कुछ दिनों के लिए सीएम की कुर्सी छोड़ी थी, तब भी तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी महादलित टोले में गय़े थे.
तैयारी के बाद महादलित टोला नहीं गये सीएम
इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना शहर के पास ही फुलवारीशरीफ प्रखंड के महुली गांव के महादलित टोले में जाना था. सीएम के आगमन को लेकर कई दिनों से प्रशासनिक तैयारी की जा रही थी. गांव में बड़ा मंच बनाने से लेकर रोड की मरम्मति औऱ दूसरे सारे साज सज्जा किये गये थे. लेकिन 19 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए नीतीश कुमार महुली गांव के महादलित टोले में नहीं गये.
हालांकि नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में हुए झंडोत्तोलन में मौजूद थे. लेकिन गांधी मैदान से वे सीधे अपने आवास चले गये. उनके बदले बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी महुली गांव में पहुंचे. विजय चौधरी की मौजूदगी में महादलित टोले के बुजुर्ग सुभाष रविदास ने झंडोत्तोलन किया. खास बात ये भी रही कि सीएम की अनुपस्थिति में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी महादलित टोले में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह की अनदेखी कर दी. वे भी वहां नहीं पहुंचे. जबकि सम्राट चौधरी पटना के प्रभारी मंत्री हैं.
सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चायें
सीएम नीतीश कुमार को लेकर सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चायें हो रही हैं. 20-21 जनवरी को पटना में देश भर के पीठासीन पदाधिकारियों का सम्मेलन हुआ था. इसमें लोकसभा के अध्यक्ष समेत सारे राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष मौजूद थे. इस सम्मेलन में नीतीश कुमार को मौजूद रहने के साथ साथ भाषण देना था. लेकिन नीतीश कुमार उस कार्यक्रम में नहीं गये. 24 फरवरी को कर्पूरी जयंती के मौके पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पटना और समस्तीपुर दौरे पर आये थे.
प्रोटोकॉल के हिसाब से नीतीश कुमार को पटना एयरपोर्ट पर ही उप राष्ट्रपति का स्वागत करना था. लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे. स्व. कर्पूरी ठाकुर के गांव में आयोजित कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ नीतीश कुमार को भी मौजूद रहना था. लेकिन नीतीश कुमार मुख्य समारोह में शामिल नहीं हुए. वे अलग से स्व. कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव गये औऱ फूल-माला चढ़ा कर वापस लौट आये.
नीतीश की तबीयत खराब !
ऐसे वाकयों से राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चायें हो रही हैं. वैसे, जेडीयू के एक नेता ने बताया कि आज सीएम की तबीयत खराब हो गयी थी. इसके कारण वे महादलित टोले में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं हो सके. उन्हें कल से यात्रा पर भी निकलना है, इसलिए वे आज दिनभर आराम करेंगे औऱ कल से यात्रा पर निकलेंगे. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है.