नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर बिहार के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी हड़कंप मचा दिया है। नीतीश के इस्तीफे के बाद अब उनकी पार्टी जेडीयू के एनडीए से मिलकर सरकार बनाने की चर्चा है। नीतीश के इस्तीफे के साथ ही बिहार में महागठबंधन भी टूट गया है। वहीं, इसी के साथ विपक्षी इंडी गठबंधन को भी बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, नीतीश के भाजपा के साथ हाथ मिलाने की वजह से विपक्ष के बड़े दल जो कुछ महीने पहले मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए इंडी गठबंधन के तहत एकजुट हुए थे, उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है। इसकी वजह यह है कि बिहार में महागठबंधन एक साथ लोकसभा चुनाव लड़कर भाजपा को कड़ी टक्कर देने की कोशिश में था। हालांकि, अब नीतीश के इस गठबंधन से अलग हो जाने के बाद बिहार में कांग्रेस और राजद के जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का सपना भी टूट गया है। नीतीश के इस फैसले से लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन को बड़ा नुकसान हो सकता है।
वहीं, नीतीश कुमार के जाने के बाद इंडी गठबंधन कमजोर हो गया है। पिछले साल अपने मतभेदों को दूर कर एक साथ आए सभी विपक्षी दलों के लिए अब भाजपा का मुकाबला करना काफी मुश्किल हो जाएगा। विपक्ष को एकजुट करने में नीतीश ने अहम भूमिका निभाई थी। इंडी गठबंधन पिछले सप्ताह से ही आंतरिक कलह का सामना कर रहा था। नीतीश से पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी। वहीं, पंजाब में भी कांग्रेस और आप में सीटों पर बात नहीं बन रही है।