पटना, 25 अप्रैल 2025:
बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण और विकास से जुड़े मामलों में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘बदलैन’ जमीन से संबंधित पुराने विवादों को सुलझाने की दिशा में अहम फैसला लिया गया है। अब मौखिक सहमति के आधार पर पूर्व में किए गए बदलैन को भी मान्यता दी जाएगी, जिससे भूमि विवादों में कमी आने की उम्मीद है।
संशोधित नियमावली को मिली मंजूरी
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा प्रस्तुत बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2025 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस नए नियम के तहत अब सर्वे के दौरान मौखिक रूप से हुए बदलैन (भूमि अदला-बदली) को भी दस्तावेजी आधार मानकर जमीन का रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा।
यह फैसला प्रदेश में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के कार्य को अधिक पारदर्शी, गतिशील और विवाद रहित बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी
नीतीश कैबिनेट की बैठक में कुल 34 एजेंडों पर निर्णय लिया गया, जिनमें कई नए पदों का सृजन भी शामिल है। विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरियों के नए अवसर खुलने जा रहे हैं:
- नगर विकास विभाग के 71 कार्यालयों के संचालन के लिए 663 गैर-तकनीकी पद सृजित किए गए। इससे सरकार पर प्रतिवर्ष लगभग 35.27 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
- महाधिवक्ता कार्यालय में 40 पदों (34 स्थाई व 6 संविदा) की स्वीकृति दी गई है।
- राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 104 अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और 81 राजस्व अधिकारी सह कानूनगो के पद स्वीकृत किए गए हैं।
- बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर में विभिन्न श्रेणियों के 244 नए पद सृजित किए गए हैं।
8 जिलों को मिलेंगे नए डिग्री कॉलेज
मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान किए गए वादों के तहत राज्य के 8 जिलों — मधुबनी, गोरौल, शाम्हों, इमामगंज, अधौरा, कटोरिया, असरगंज और चकाई — में नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। इसके लिए सरकार ने 526 पदों को मंजूरी दी है, जिनमें से:
- 422 पद शिक्षक वर्ग के होंगे (हर कॉलेज में एक प्रिंसिपल भी शामिल)
- 104 पद शिक्षकेत्तर (नॉन-टीचिंग) स्टाफ के होंगे