लोकसभा चुनाव के बाद सभी दल में मंथन शुरू हो गया है. जदयू में भी इस पर मंथन हो रहा है. लोकसभा चुनाव में जेडीयू को इस बार चार सीटों का नुकसान हुआ है. 2019 के मुकाबले एनडीए को कुल 9 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है. इसमें बीजेपी भी शामिल है. वहीं, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इन सभी बिंदुओं पर चर्चा होने वाली।
छह महीने बाद हो रही बैठक: मिली जानकारी के अनुसार, छह महीने बाद जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. इसके पहले 29 दिसम्बर 2023 को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी, जिसमें नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया था. तब ललन सिंह ने यह कहते हुए अचानक पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया था कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में ध्यान नहीं दे पा रहा हूं. जिसके बाद उनकी जगह खुद नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली थी।
12 सीटों पर जदयू की जीत: नीतीश कुमार के अध्यक्ष बनते ही बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ था और बिहार में महागठबंधन सरकार से जदयू ने अलग होकर फिर से एनडीए में जाने का फैसला लिया. नीतीश कुमार के इस निर्णय से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा था. जिस विपक्षी एकता की नींव नीतीश कुमार ने पटना में रखी थी, नीतीश कुमार ने ही उससे अलग होने का फैसला ले लिया. नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव एनडीए के साथ लड़े हैं और 16 में से 12 सीटों पर जदयू की जीत हुई है।
विधानसभा चुनाव पर रणनीति बनेगी: इस संबंध में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद ने कहा कि दिल्ली में जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन होगा. विधानसभा चुनाव बिहार में अगले साल होना है तो उसे पर भी रणनीति बनेगी और राष्ट्रीय राजनीति में जदयू की क्या भूमिका होगी उस पर भी पार्टी के वरिष्ठ नेता चर्चा करेंगे. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चर्चा हो सकती है. नीतीश कुमार पार्टी के वरिष्ठ नेता में से किसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी सौंप सकते हैं या कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है।
29 जून को दिल्ली में बैठक: पिछले साल दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी थी लेकिन उसे पटना में किया गया अब 29 जून को दिल्ली में बैठक होने जा रही है. कई राज्यों में इस साल चुनाव है तो उस पर भी चर्चा होगी. केंद्र में एनडीए की सरकार बनी है और जदयू उसमें शामिल हुआ है. जदयू के दो मंत्री हैं तो इन सब बिंदुओं पर भी चर्चा की जाएगी साथ ही पार्टी को कैसे विस्तार दिया जाए उसकी भी रणनीति तैयार होगी।