NDA विधायक दल का नेता चुने गए नीतीश, विनोद तावडे के साथ राज्यपाल को सौंपा समर्थन पत्र
बिहार में अगस्त 2022 से चल रही नीतीश-तेजस्वी की सरकार खत्म हो गई है। नीतीश कुमार ने राज भवन जाकर महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल से उस सरकार को समाप्त करने आग्रह किया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को अग्रिम बधाई दी है। इसके बाद नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। इसके साथ ही नीतीश कुमार समर्थन पत्र लेकर राजभवन पहुंच गए हैं। उनके साथ बिहार बीजेपी के प्रभारी विनोद ताबडे के साथ-साथ कई अन्य नेता भी शामिल है।
दरअसल, बिहार में बीते कई दिनों से जारी राजनीतिक उठापटक का अंत होता दिख रहा है। नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है और फिर से एनडीए में वापसी की खबरों पर मुहर लगा दी है। उन्होंने आज राजभवन पहुंचकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र सौंपा। बिहार में आज शाम शपथ लेने जा रही नई एनडीए सरकार का स्वरूप भी सामने आ गया है। पिछली जेडीयू-बीजेपी गठबंधन सरकार में तारकेश्वर प्रसाद और रेणु देवी उप मुख्यमंत्री थे। इस बार भाजपा ने दो नए चेहरे दिए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बिहार में नए गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए आज शाम पटना पहुंचेंगे।
मालूम हो कि, बिहार भाजपा ने सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय सिन्हा को उप नेता चुना है। ये दोनों नई सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे। नीतीश कुमार 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके जरिए भाजपा ने जातिगत समीकरण भी साधने की कोशिश की है। बता दें कि विजय सिन्हा भूमिहार और सम्राट चैधरी कोइरी समाज से आते हैं।ओबीसी वोट बैंक में यादवों के बाद सबसे ज्यादा संख्या बल कुर्मी-कोइरी का है। यादवों की आबादी तकरीबन 15 फीसदी है, तो कुर्मी-कोइरी की 7 फीसदी के करीब।वहीं भूमिहारों की आबादी करीब 3 फीसदी है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.