सचिवालय के ‘अफसरों-कर्मियों’ की हाजिरी को लेकर नीतीश सरकार और हुई सख्त, मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों- DGP को लिखा पत्र
सचिवालय में सरकारी सेवकों की उपस्थिति को लेकर बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने और सख्ती बरती है. उन्होंने इस संबंध में आज 12 दिसंबर को सभी विभागाध्यक्षों एवं डीजीपी को पत्र लिखा है. सभी विभागाध्यक्षों और डीजीपी को निदेश दिया है कि हर हाल में उपस्थिति सुनिश्चित करें.
मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को लिखा पत्र
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने अपने पत्र में कहा है कि सचिवालय के सभी विभागों एवं अधीनस्थ कार्यालय में कर्मियों का बायोमेट्रिक अटेंडेंस के माध्यम से ससमय उपस्थिति दर्ज करने तथा कार्यालय अवधि में दफ्तर में मौजूद रहने का निर्देश है. 31 दिसंबर 2007 से ही सचिवालय में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह प्रणाली लागू है . साथ ही कार्यालय अवधि एवं मध्यान भोजन का समय भी निश्चित है.
नियम का सही से नहीं हो पा रहा पालन -मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि, सचिवालय के विभागों एवं कार्यालय कर्मियों द्वारा इस व्यवस्था के तहत दर्ज की गई उपस्थिति की समीक्षा की गई है. जिसमें पाया गया है कि कई ऐसे कार्यालय हैं जहां पर सरकार के प्रावधानों का पूर्ण रूप से अनुपालन नहीं किया जा रहा है . ऐसे में AEBAS माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने एवं कार्यालय अवधि में कार्यालय में उपस्थित रहने के प्रावधानों का सख्ती से अनुपालन किया जाना है.
औचक निरीक्षण करें सचिव-प्रधान सचिव….
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने तीन तरह के निर्देश दिए हैं. जिसमें कहा गया है कि उपस्थिति का हर हाल में अनुश्रवण हो. इसके लिए औचक निरीक्षण किया जाए. नियम का अनुपालन नहीं करने वाले कर्मियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें . विलंब से कार्यालय आने वाले कर्मियों पर नियमानुसार कार्रवाई करें. इस अवधि के लिए विभिन्न प्रावधानों के अनुरूप अवकाशों का समायोजन स्थापना प्रभारी करेंगे .जिन सरकारी सेवक के अवकाश खाते में कोई अवकाश नहीं बचा हो, उनके विलंब से कार्यालय आने की स्थिति में विलंब अवधि के लिए कर्मियों के वेतन से कटौती किया जाए. विशेष परिस्थिति में विभागाध्यक्ष आवश्यक छूट प्रदान कर सकते हैं .
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