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नीतीश सरकार को ‘सूचना आयोग’ से कोई मतलब नहीं ! सदस्यों का दो पद कई महीनों से खाली…नहीं कर रही नियुक्ति

BySumit ZaaDav

दिसम्बर 16, 2023 #Bihar News, #Patna news, #The voice of Bihar
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सरकार ने आमलोगों को सूचना का अधिकार दिया. सरकारी कार्यालय से आप किसी विषय पर सूचना मांग सकते हैं. अगर आपको जानकारी नहीं दी जाती है तो सूचना आयोग में अपील कर सकते हैं. लेकिन बिहार के इस सुशासन राज में सरकार को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं. सूचना आयोग की ताकत को कम कर दिया गया है. अगर ऐसा नहीं तो महीनों से सूचना आयोग में सदस्यों के पद खाली हैं, लेकिन नियुक्ति नहीं हो रही।

सूचना आयोग में 2 पद खाली पर नहीं हो रही नियुक्ति 

बिहार सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और तीन सूचना आयुक्तों का पद है. लेकिन सदस्यों के तीन पद में से दो खाली हैं. सरकार ने अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की है. राज्य सूचना आयुक्त पी. के. ठाकुर का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को समाप्त हो गया,जबकि मुख्य सूचना आयुक्त नरेन्द्र कुमार सिन्हा 16 मई 2023 को सेवानिवृत हो गए. सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों पद के लिए 10 मार्च 2023 तक आवेदन देने की अंतिम तिथि तय किया था. तब से कई माह बीत गए आज तक सूचना आयुक्तों की नियुक्ति नहीं हो सकी है. वर्तमान में सूचना आयोग में दो सदस्य हैं एक त्रिपुरारी शरण और दूसरे फूल चंद चौधरी. इनकी नियुक्ति 4 अप्रैल 2022 को हुई थी. त्रिपुरारी शरण जो सूचना आयुक्त थे उनके मुख्य सूचना आयुक्त बना दिया गया. इस तरह से अब सूचना आयुक्त का दो पद खाली हो गया है।

सूचना आयोग से सरकार को कोई मतलब नहीं- आरटीआई एक्टिविस्ट 

बिहार के जाने-माने आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय कहते हैं कि सूचना आयोग में आधा पद खाली रहने से कार्य बाधित हो रहा है. लेकिन इसकी परवाह किसी को नहीं है. सीट खाली हुए महीनों बीत गए,आवेदक परेशान हैं लेकिन सरकार तनिक भी गंभीर नहीं है. सूचना आयुक्त के पद पर विधि, पत्रकारिता, विज्ञान, कला, सहकारिता के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त नागरिक जो इच्छुक हैं आवेदन कर सकते हैं. उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का भी आदेश है कि तीन माह से अधिक समय तक पद को खाली नहीं रखा जाना चाहिए. लेकिन यहां तो कई माह बीत गए. इसके बाद भी सरकार के स्तर से कार्रवाई नहीं किये जाने से मालूम पड़ रहा है कि उन्हें सूचना का अधिकार क़ानून अच्छा नहीं लग रहा. आयोग का काम वर्तमान में ठेल गाड़ी के रूप में हों गया है, जिसमे पक्ष -विपक्ष एक रूप से जिम्मेवार हैं।

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