‘नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है नीतीश सरकार’, बोला RJD- ‘शुरू करेंगे आंदोलन’
बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त करने के लिए सक्षमता परीक्षा देनी होगी. अगर नियोजित शिक्षक तीन बार में इस परीक्षा को पास नहीं करेंगे तो उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा. शिक्षा विभाग के इस निर्णय पर सियासत शुरू हो गई है. राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि जब महागठबंधन की सरकार थी तो यह घोषणा की गयी थी कि नियोजित शिक्षकों को मामूली परीक्षा लेकर राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा. अब तरह-तरह का आदेश जारी किये जा रहे हैं, जो ठीक नहीं है।
“राष्ट्रीय जनता दल कटिबद्ध है कि नियोजित शिक्षक के साथ अन्याय नहीं हो और उन्हें भी राज्य कर्मी का दर्जा मिले. इसको लेकर अगर राज्य सरकार निर्णय नहीं लेती है तो राष्ट्रीय जनता दल पूरे बिहार में बड़ा आंदोलन करेगा. नियोजित शिक्षक को उनका हक और अधिकार दिलाकर ही दम लेगा”- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
भाजपा नियोजित शिक्षकों का विरोधी हैः एजाज अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने शुरू में ही कह दिया था कि बिहार में करीब 4 लाख नियोजित शिक्षक हैं और उन्हें भी राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा. अभी भी राष्ट्रीय जनता दल अपने स्टैंड पर कायम है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर जो लड़ाई हम लोगों को लड़ना पड़ेगा वह लड़ेंगे. लेकिन सरकार ने जो निर्णय लिया था निश्चित तौर पर उस पर भी गौर करने की बात है. उसी तरह से नियोजित शिक्षक को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग शुरू से ही नियोजित शिक्षक को राज्यकर्मी का दर्जा देना का विरोध करते रहते थे।
कमिटी के निर्णय का राजद कर रहा विरोध: एजाज अहमद ने कहा कि भाजपा के सांसद सुशील मोदी ने एक बार कहा था कि इतनी बड़ी संख्या में नियोजित शिक्षक हैं, उन्हें राज्य कर्मी के दर्जा देने से दिक्कत होगी. भारतीय जनता पार्टी शुरू से नियोजित शिक्षक के खिलाफ थी और अब उनकी मानसिकता साफ दिखने लगी है. नियोजित शिक्षक के राज्य कर्मी बनाने के लिए बिहार सरकार ने जो कमेटी बनायी थी, उसका निर्णय सामने आया है. यह गलत निर्णय है और राष्ट्रीय जनता दल इसका विरोध करता है।
केके पाठक कमिटी का क्या है फैसला : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में बनी कमिटी ने निर्णय लिया कि साक्षमता परीक्षा कुल चार चरणों में आयोजित की जाएगी. नियोजित शिक्षक अधिकतम तीन चरण में ही बैठ सकते हैं. नियोजित शिक्षकों की बीमारी और व्यक्तिगत कारणों को देखते हुए तीन चरण के बजाय चार चरण में परीक्षा का प्रावधान किया गया है. केके पाठक ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि जो नियोजित शिक्षक परीक्षा में नहीं बैठेंगे अथवा तीन बार में भी पास नहीं होंगे उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
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