नीतीश सरकार का विकास का कैलेंडर 2025
विगत वर्षों में बिहार कई परिवर्तनों का साक्षी रहा है, जिसके फलस्वरूप राज्य ने विकास के क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। कैलेंडर-2025 में अग्रणी योजनाओं को समावेशित किया गया है। वर्ष 2005 के बाद से ही राज्य सरकार द्वारा वृहद पैमाने पर सरकारी नौकरियों एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। नियुक्तियों की प्रक्रिया को गति मिलने से मानव संसाधन की उपलब्धता के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
राज्य की औद्योगिक नीति में हुए परिवर्तनों से उद्यमी विहार में उद्योग लगाने के लिए उत्साहित है। कृषि एवं मत्स्य प्रक्षेत्र में ड्रोन तकनीक का प्रयोग प्रारंभ किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करके राज्य के स्कूलों में डिजिटल माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। नई सड़कों के निर्माण ने न केवल आवागमन को सुगम किया है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान की है। बिजली व्यवस्था में व्यापक सुधार के कारण राज्य के लोगों को 24 x7 गुणवत्तापूर्ण एवं निर्वाध बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।
राज्य में विधि व्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण से पुलिस आधुनिकीकरण पर बल दिया जा रहा है। बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘जीविका’ महिलाओं के विकास, सशक्तीकरण एवं गरीबी के उन्मूलन के लिए कार्य कर रही है। महिला सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बिहार राज्य महिला सशक्तीकरण नीति-2015 पूरे राज्य में लागू है। बिहार के पर्यटन स्थलों में पर्यटकीय सुविधाओं का चरणबद्ध तरीके से विस्तार किया जा रहा है। राज्य में कई उत्कृष्ट एवं प्रतिष्ठित (आइकॉनिक) भवनों का निर्माण हुआ है, जो नए बिहार के प्रतीक है।
नवंबर 2024 में बिहार में महिला एशियाई हॉकी चैम्पियन्स ट्रॉफी का आयोजन किया गया, जिसके फलस्वरूप पूरा विश्व हॉकी की दुनिया में भारत की विजयगाथा का साक्षी बन चुका है। बिहार को सुंदर हरित और स्वच्छ बनाने तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से कारगर ढंग से निपटने के लिए राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं।
जनवरी-औद्योगिक विकास एवं निवेश
बिहार में औद्योगिक विस्तार को सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत ढांचे में बदलाव करते हुए इथेनॉल पॉलिसी, टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी के साथ-साथ स्टार्टअप पॉलिसी लागू की गयी है। औद्योगिक नीति में हुए परिवर्तनों से उद्यमी बिहार में उद्योग लगाने के लिए उत्साहित है। राज्य में कृषि आधारित उदयोगों के विकास के लिए बिहार सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य में फूड प्रोसेसिंग प्लाट्स की स्थापना की दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। बिहार बिजनेस कनेक्ट जैसे आयोजनों के माध्यम से राज्य में औद्योगिक निवेश का वातावरण तैयार हुआ है।
फरवरी-रोजगार सृजन
सरकारी विभागों एवं उनके क्षेत्रीय कार्यालयों में रिक्त पडे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया को गति मिलने से मानव संसाधन की उपलब्धता के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़े हैं। सरकारी विभागों में कर्मियों की कमी दूर होने से विभागीय कार्य सुचारू रूप से हाने के साथ-साथ जनकल्याण की योजनाएं अपनी मंजिल तक तयशुदा समय में पहुंच पाएंगी। वर्ष 2005 के बाद से वर्ष 2020 तक 8 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों दी गयीं। वर्ष 2020 में सात निश्चय-2 के तहत 10 लाख नौकरी एवं 10 लाख रोजगार दिया जाना तय किया गया।
राज्य सरकार इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है तथा अब तक 9 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है एवं शेष पदों पर बहाली की प्रक्रिया जारी है। यह भी तय किया गया है कि वर्ष 2025 के मध्य तक 10 लाख की जगह 12 लाख सरकारी नौकरियों देने का लक्ष्य पूर्ण कर लिया जाएगा। रोजगार सृजन के क्षेत्र में अब तक 10 लाख की जगह 24 लाख लोगों को रोजगार दे दिया गया है तथा रोजगार देने का कार्य तेजी से चल रहा है। वर्ष 2025 के मध्य तक 34 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा दिए जाएँगे।
मार्च-खेल
खेल विभाग बिहार सरकार का सबसे नया विभाग है। खेल-कूद के विकास तथा खिलाड़ियों के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध बिहार सरकार द्वारा 09 जनवरी, 2024 को खेल विभाग का गठन किया गया। यह विभाग राज्य में खेल से संबंधित सभी संस्थाओं का संचालन करता है। अगस्त माह में माननीय मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार के कर कमलों द्वारा राजगीर स्थित खेल परिसर का उदघाटन किया गया। नवंबर माह में बिहार में महिला एशियाई हॉकी चैम्पियन्स ट्रॉफी का आयोजन किया गया, जिसमें भारत ने चीन को 1-0 से हराकर खिताब अपने नाम किया।
बिहार पूरे विश्व पटल पर हॉकी की दुनिया में भारत की विजयगाथा का साक्षी बन चुका है। बहुत ही कम समय में इस विभाग ने कई उपलब्धियों प्राप्त कर ली है। यह माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खेल के प्रति निष्ठा का ही परिणाम है कि बिहार को मेन्स एशियन हॉकी चैंपियनशिप-2025 की मेजबानी करने का मौका मिला है। दिनांक 10 दिसम्बर, 2024 को माननीय मुख्यमत्री, बिहार नीतीश कुमार द्वारा विश्व की सबसे बड़ी खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता मशाल’ का शुभारम्भ किया गया। दिसम्बर 2024 में ही माननीय मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार द्वारा 6659 नए खेल मैदानों के निर्माण का शिलान्यास किया गया, जिससे राज्य में खेल संस्कृति का व्यापक विकास होगा।
अप्रैल-महिला सशक्तीकरण
महिलाओं को सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से सबल बनाने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थानों एवं वर्ष 2007 से नगर निकायों के निर्वाचन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। ‘आरक्षित रोजगार महिलाओं का अधिकार’ निश्चय के तहत सभी सरकारी सेवाओं में सभी प्रकार के पदों पर सीधी नियुक्तियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है। प्रारम्भिक शिक्षक नियोजन में 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित है।
राज्य के मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी से संबद्ध शिक्षण संस्थानों के नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित किये गये है। वर्तमान में बिहार में महिला पुलिस की संख्या देश भर में अव्वल है। उल्लेखनीय हैं कि राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बिहार राज्य महिला सशक्तीकरण नीति-2015 को पूरे राज्य में लागू है। वर्ष 2013 से महिलाओं को पुलिस सेवा में नियुक्तियों में 35 प्रतिशतआरक्षण दिया गया है, जिससे पुलिस में महिलाओं के अनुपात में बिहार देश में अग्रणी है।
मई-आधारभूत संरचना में विकास
राज्य के सुदूर क्षेत्रों से पटना पहुँचने का लक्ष्य 6 घण्टे रखा गया था, जिसे अब प्राप्त कर लिया गया है। अब इस लक्ष्य को घटाकर 5 घण्टे कर दिया गया है, जिसकी प्राप्ति हेतु राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। राज्य में व्यापक रूप से कई पुलों और सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे पूरे राज्य में सम्पर्कता सुलभ हो रही है। बिहार में नई एवं महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण ने न केवल आवागमन को सुगम किया है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान की है। पटना में पाटलि पथ तथा अटल पथ इसके उदाहरण है। एम्स-दीघा एलीवेटेड रोड का नामकरण पाटलि पथ किया गया है।
करीब 11 किलोमीटर लम्बा यह फ्लाईओवर शहर में अवस्थित पूर्वी क्षेत्र का सबसे लम्बा एलिवेटेड मार्ग है। इसके बनने से उत्तरी पटना और दक्षिणी पटना को कई वैकल्पिक मार्ग मिले हैं। जे०पी० गंगापथ पटना शहर के उत्तर में गंगा नदी के किनारे अवस्थित है। इससे उत्तर बिहार के लोगों की न केवल पटना शहर के महत्वपूर्ण गंतव्य स्थलों तक की राह आसान हो गयी है बल्कि पटना शहर के लोगों के लिए गंगा नदी किनारे सुरग्य एवं आनन्ददायक अनुभूति हेतु स्थल का विकास भी हो गया है। संध्याकाल में बड़ी संख्या में लोग यहाँ के वातावरण का आनन्द लेने पहुंचते हैं।
जून-शिक्षा
बिहार शिक्षा के क्षेत्र में नए मील के पत्थर स्थापित कर रहा है। मध्याह्न भोजन योजना के तहत छात्रों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और पोषण वाटिका का विस्तार भी किया जा रहा है। आधार कार्ड लिंक्ड डीबीटी से छात्रों को योजनाओं का लाभ सीधे उनके खातों में पहुंचाया जा रहा है।
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए आसान ऋण सुविधाएँ दी जा रही हैं, जिससे हर वर्ग के छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है। अक्षर आँचल योजना ने महादलित, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों को साक्षरता और शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आधारभूत संरचना विकास के तहत स्कूलों में कक्षाओं, शौचालयों, पेयजल, बिजली और अन्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। शिक्षक बहाली में भी बिहार ने नया इतिहास रचा है, जिसमें एक ही अभियान में लाखों शिक्षकों की नियुक्ति की गई।
राज्य का 2024 का शिक्षा बजट दर्शाता है कि शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। यह प्रयास ‘पढ़े बिहार, बढ़े बिहार के संकल्प को साकार कर रहा है। शिक्षा विभाग ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करके राज्य के स्कूलों में डिजिटल माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया है। इसके तहत स्मार्ट क्लासरूम, ऑनलाइन शिक्षा सामग्री और डिजिटल लर्निंग प्लेटफार्मों का संचालन किया जा रहा है।
जुलाई-विधि व्यवस्था एवं पुलिस आधुनिकीकरण
राज्य में विधि व्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिकोण से पुलिस आधुनिकीकरण पर बल दिया जा रहा है। आगजनी, दुर्घटना, पुलिस सहायता एवं मेडिकल इमरजेंसी समेत किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए सिर्फ 112 नम्बर को डायल करना होगा। यह निःशुल्क सेवा है। इस पर आपात समय में कॉल करने पर महज 15 मिनट के अन्दर मदद पहुँचायी जाती है। इस सेवा के सुगम संचालन के लिए बिहार पुलिस रेडियो कैम्पस स्थित नवनिर्मित इमरजेंसी रिस्पान्स सपोर्ट सिस्टम के कमांड एवं कन्ट्रोल सेन्टर की शुरूआत की गयी है। इस कमांड एवं कंट्रोल सेन्टर का पूरा संचालन हमारी दक्ष महिला पुलिसकर्मियों के हाथों में है।
अगस्त-कृषि
कृषि के समेकित विकास और किसानों की आर्थिक स्थित में सुधार के लिए राज्य में कृषि रोड मैप बनाकर योजनाएँ चलाई जा रही हैं। कृषि रोड मैप जैसी योजना चलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। दिनांक 17 फरवरी, 2008 को प्रथम कृषि रोड मैप की नींव रखी गयी थी। इसमें गुणवत्तापूर्ण बीज, नये कृषि यंत्र, हरी खाद, वर्मी कम्पोस्ट तथा कृषि की नए तकनीकों को प्राथमिकता दी गयी थी। वहीं दूसरे एवं तीसरे कृषि रोड मैप का व्यापक विजन रखा गया प्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन। तीसरे कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन के फलस्वरूप राज्य में धान, गेहूँ एवं मक्का की उत्पादकता पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है।
साथ ही दूध, अंडा, मॉस एवं मछली उत्पादन में काफी वृद्धि हुई तथा बिहार इन क्षेत्रों में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। वर्ष 2023 से 2028 के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप की शुरूआत महामहिम राष्ट्रपति द्वारा की गई है, जिसमें लगभग 1 लाख 62 हजार 268 करोड़ रुपये की योजनाओं पर 12 विभागों द्वारा मिलकर काम किया जा रहा है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के द्वारा दलहन एवं तिलहन फसलों का विकास, जलवायु अनुकूल कृषि तथा फसल चक्र में बदलाव, फसल विविधीकरण, जूट फसल के विकास एवं नई तकनीकों के इस्तेमाल पर विशेष बल दिया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी बिहार सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। कृषि एवं मत्स्य प्रक्षेत्र में ड्रोन तकनीक का प्रयोग प्रारंभ किया गया है।
सितम्बर-ऑइकनिक बिल्डिंग्स
बिहार में हाल में अनेकों उत्कृष्ट एवं प्रतिष्ठित (आइकॉनिक) भवनों का निर्माण हुआ है। ये भवन नये बिहार के प्रतीक हैं। राजगीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेन्टर, सरदार पटेल भवन पटना, सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र पटना, सभ्यता द्वार, पटना इत्यादि संरचनाओं को काफी सराहा गया है। इसी कड़ी में महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र बोधगया, अंजुमन इस्लामिया हॉल पटना, प्रकाश पुंज पटना तथा बिहार सदन, नई दिल्ली का भी उल्लेख करना समीचीन होगा।
इन भवनों में वास्तुकता एवं स्थापत्य कला का अनूठा संगम है। ग्रीन बिल्डिंग के मानकों पर खरे उतरते हुए ये भवन लोगों को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं। दिनांक 10 दिसंबर, 2024 को माननीय मुख्यमंत्री, बिहार श्री नीतीश कुमार द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पटना समाहरणालय भवन का उद्घाटन किया गया, जहाँ आम नागरिकों की सुविधा एवं जरूरतों के लिए 39 विभागों की शाखाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी।
महात्मा गांधी की जीवनी, उनके विचारों एवं आदशों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से पटना के गर्दनीबाग में बापू टावर का निर्माण कराया गया है। दिनांक 2 अक्टूबर, 2024 को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इसका लोकार्पण किया गया। बापू टावर के संग्रहालय के विभिन्न दीर्घाओं में अवस्थित म्यूरल, चित्र, वीडियो, लघु फिल्मों के जरिये मोहन से महात्मा बनने, बापू की चंपारण यात्रा समेत उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं और उनके विचारों पर आधारित राज्य सरकार की योजनाओं को प्रमुखता से दर्शाया गया है।
अक्टूबर-जलवायु परिवर्तन से बचाव
बिहार को सुंदर, हरित और स्वच्छ बनाने तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से कारगर ढंग से निपटने, पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने, पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित करने, वन आच्छादन को बढ़ावा देने, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग एवं ऊर्जा की बचत पर बल देने तथा बदलते पारिस्थितिकीय परिवेश के अनुरूप कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए बापू की 150वीं जयंती के अवसर पर दिनांक 02 अक्टूबर, 2019 से राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गई।
माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि जब तक पृथ्वी पर जल और हरियाली है, तभी तक जीवन सुरक्षित है- जीवन चाहे मनुष्य का हो या पशु-पक्षी का। ऐसा व्यापक राज्यव्यापी अभियान चलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। जल-जीवन-हरियाली अभियान की सराहना अब देश ही नहीं बल्कि विश्व के कई मंचों से की जा रही है। दिनांक 19 जनवरी 2020 को राज्य के 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने इस अभियान के समर्थन में 18 हजार किलोमीटर से अधिक लम्बी मानव श्रृंखला बनाकर इस अभियान का मुखर समर्थन किया तथा इसे वैश्विक स्तर पर भी पहचान दिलाई।
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार द्वारा दिनांक 24 सितंबर, 2020 को संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु परिवर्तन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में कई देशों के प्रधानमंत्री एवं प्रमुख नेताओं के समक्ष इस अभियान के महत्व को बताया गया। इस अभियान की प्रशंसा माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स द्वारा भी की गयी है।
नवम्बर-ऊर्जा
माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार के नेतृत्व में ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार अग्रणी राज्य बन गया है। बिजली व्यवस्था में व्यापक सुधार के कारण राज्य के लोगों को 24 x7 गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। विकसित बिहार के सात निश्चय में शामिल ‘हर घर बिजली के निश्चय को तय समय से दो महीने पहले ही पूर्ण कर लिया गया था।
राज्य के हर घर, हर गांव तक बिजली पहुंचाने के उपरांत हर खेत तक बिजली पहुंचाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री कृषि संबंध योजना के तहत किसानों को निःशुल्क कनेक्शन दिया जा रहा है। लोगों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत विभिन्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को 40 से 92 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य में विद्युत संचरण एवं वितरण प्रणाली में किए गए अभूतपूर्व कार्यों के कारण राज्य में विद्युत की कुल अधिकतम मांग की आपूर्ति 8005 मेगावाट तक पहुंच चुकी है जो वर्ष 2005 में मात्र 700 मेगावाट थी।
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सरकारी एवं निजी भवनों पर सौर ऊर्जा संयत्रों का अधिष्ठापन तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाईट योजना के तहत पंचायतों में तेजी से सोलर स्ट्रीट लाईट का अधिष्ठापन किया जा रहा है। सौर ऊर्जा प्रोत्साहन के तहत कजरा (लखीसराय) में 185 मेगावाट की एक बड़ी सौर परियोजना, फुलवरिया (नवादा) में फ्लोटिंग परियोजना तथा विक्रम (पटना) में नहर के किनारे सौर परियोजनाएं बनाई जा रही हैं।
दिसम्बर-जीविका
बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘जीविका बिहार में महिलाओं के विकास, सशक्तीकरण एवं गरीबी के उन्मूलन के लिए कार्य कर रही है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह काफी कम हुआ करते थे। वर्ष 2006 में विश्व बैंक से ऋण लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की गयी, जिसका नामकरण माननीय मुख्यमंत्री, नीतीश कुमार जी ने ‘जीविका’ किया।
पहले चरण में राज्य के छः जिलों के 18 प्रखंडों में इस परियोजना को शुरू किया गया था जिसका विस्तार राज्य के सभी 534 प्रखंडों में किया गया। जीविका के अतंर्गत अब तक 10 लाख 63 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिसमें 1 करोड़ 31 लाख से भी अधिक महिलाएँ जुडकर जीविका दीदियों बन गई है। स्वयं सहायता समूहों में किये जा रहे कामों से जीविका दीदियों में जागृति आ रही है और वे स्वावलंबी बन रही हैं। अब शहरी क्षेत्रों में भी जीविका के अन्तर्गत स्वयं सहायता समूहों के गठन का काम किया जा रहा है।
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