बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को भाजपा के साथ दोस्ती के अपने बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि हमारे बयान का गलत मतलब निकाला गया है. हमने भाजपा से दोस्ती को लेकर कुछ नहीं कहा है. हमारे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
दरअसल, सीएम नीतीश ने मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा था कि वे जब तक जीवित रहेंगे भाजपा वाले लोगों के साथ उनकी दोस्ती रहेगी. इसे लेकर माना गया कि सीएम नीतीश ने भाजपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है.
हालांकि अब सीएम नीतीश ने इस पर स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने ही मीडिया से कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है. उन्होंने भाजपा से दोस्ती करने को लेकर कुछ नहीं कहा है. उनके बयान को गलत तरीके से छापा -दिखाया गया. इसे उन्होंने दुखद कहा.
उन्होंने कहा कि मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बनवाने के लिए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार (डॉ मनमोहन सिंह सरकार) से उन्होंने अनुरोध किया था. लेकिन तब की केंद्र सरकार ने गया के लिए केंद्रीय यूनिवर्सिटी स्वीकृत की.
हालांकि वे (नीतीश कुमार) मोतिहारी की मांग पर अड़े रहे और बाद में यहां भी बना. उन्होंने कहा कि वे इसी को याद दिलाते हुए यहां हुए कामों को बता रहे थे. इसमें सबके साथ पर बता रहे थे लेकिन उनके बयान को भाजपा से दोस्ती के बयान से जोड़ कर गलत तरीके से पेश किया गया.
बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के जन्मदिन पर राजकीय समारोह के बाद सीएम नीतीश ने ये बातें कहीं. सचिवालय में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया जहाँ राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर माल्यार्पण ने किया. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी माल्यार्पण किया.