बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का समर्थन किया है, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों के साथ नहीं. पार्टी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर गठित एक उच्च स्तरीय समिति से कहा है कि वह लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का समर्थन करती है. इसने कहा कि सभी स्थानीय निकाय-नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ होने चाहिए।
जनता दल पार्टी ने हालांकि कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ नहीं होने चाहिए. जनता दल ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति से कहा, ‘‘जद (यू) लोकसभा और राज्य विधानमंडल के चुनाव एक साथ कराने और पंचायतों तथा नगर पालिकाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए अपना समर्थन देना चाहेगी लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ नहीं कराये जाने चाहिए.’’
वन नेशन, वन इलेक्शन पर जनता दल ने जताई सहमति
पिछले सितंबर में गठित, समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए जांच पड़ताल करने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया है. समिति को सौंपे गए एक ज्ञापन में, जद (यू) महासचिव संजय कुमार झा और संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पार्टी का मानना है कि सुशासन की संरचना को मजबूत करने के लिए एक साथ चुनाव महत्वपूर्ण हैं।
एक साथ चुनाव पर विधि आयोग और संसदीय समितियों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए जद (यू) ने कहा कि एक साथ चुनाव से बार-बार होने वाले चुनावों से जुड़ा वित्तीय बोझ कम हो जाएगा. पार्टी ने समिति से कहा कि चुनाव प्रचार में लगने वाले समय को बचाकर नेता शासन, नीति निर्धारण और दीर्घकालिक मुद्दों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं. इस तरह बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने वन नेशन, वन इलेक्शन पर अपना रुख साफ कर दिया है. उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का समर्थन किया है, लेकिन पार्टी की तरफ से स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर ऐसा नहीं कहा गया है।