मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जेडीयू की आयोजित मीटिंग में बड़ा फैसला लिया है. भरी मीटिंग में ही उन्होंने अपना निर्णय सुनाया. मुख्यमंत्री आवास में आयोजित जेडीयू विधानसभा प्रभारियों की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि आज से विधानसभा प्रभारी नहीं होंगे. इसकी कोई जरूरत नहीं है. अब जिला स्तर पर प्रभारी होंगे. बड़े जिलों में 2-4 नेताओं को प्रभारी की जिम्मेदारी दीजिए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीटिंग में कहा कि विधानसभा प्रभारी की जानकारी तो मुझे थी ही नहीं. इसकी कोई जरूरत नहीं है. जहां हम चुनाव ही नहीं लड़ते हैं वहां पार्टी पदाधिकारी की क्या जरूरत है ? अगर प्रभारी ही बनाना है तो जिला स्तर पर बनाइए. बड़े जिलों में आवश्यकतानुसार प्रभारी का दायित्व दीजिए।
नीतीश कुमार ने कहीं न कहीं अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता सरकार के कामों को नीचे तक ले जायें. सोशल मीडिया के माध्यम से अच्छे कामों का प्रचार करें. बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के अलावे प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और नीतीश कैबिनेट में जेडीयू कोटे के कई मंत्री शामिल थे।
बता दें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके पहले जदयू के जिलाध्यक्षों और प्रमंडलीय पदाधिकारियों की एक मेगा बैठक की थी। साढ़े तीन घंटे से अधिक चली बैठक में मुख्यमंत्री पूरी तरह से चुनावी तैयारी पर केंद्रित रहे। उन्होंने अपने सभी जिलाध्यक्षों को यह टास्क दिया था कि उनकी सरकार ने जो काम किए हैं उसकी चर्चा लोगों के बीच जाकर करें।