कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार (27 जनवरी) को दावा किया कि मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करने की कई कोशिशें कीं, लेकिन दोनों बहुत व्यस्त हैं, इसलिए उनके बीच कोई बातचीत नहीं हो सकी. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब नीतीश कुमार के एक बार फिर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
उन्होंने कहा, “बिहार से कुछ बयान आ रहे हैं कि वहां नई मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा. कांग्रेस छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक के रूप में बिहार भेज रही है, जहां तक मुझे पता है वह आज रात पटना पहुंचेंगे.”
नीतीश कुमार से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं खरगे
उन्होंने कहा कि वह किसी भी असत्यापित रिपोर्ट पर कमेंट नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि मल्लिकार्जुन खरगे नीतीश कुमार से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. इंडिया ब्लॉक को मजबूत करना हर पार्टी की जिम्मेदारी है. और कांग्रेस इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
जयराम रमेश ने गठबंधन को लेकर मीडिया से कहा, “मैं लोगों को याद दिलाना चाहूंगा कि विपक्षी नेताओं की पहली बैठक 23 जून 2023 को पटना में हुई थी. बिहार के मुख्यमंत्री बैठक के मेजबान थे. दूसरी बैठक बेंगलुरु में हुई, जहां इस गुट को अपना नाम भारत मिला. उस बैठक में नीतीश कुमार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी.”
‘यह एक नेशनल अलायंस है’
उन्होंने कहा,,”हमें राज्य स्तर पर समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन यह गठबंधन हमें साथ लेकर आया है. इस गठबंधन कि बिहार के मुख्यमंत्री गठबंधन के आर्किटेक्टों में से एक हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस गठबंधन के को-आर्किटेक्टों में से एक हैं. वे जानते हैं कि यह एक नेशनल अलायंस है. यह ऐसा गठबंधन नहीं है, जिसमें स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दों पर प्राथमिकता दी जाए. राष्ट्रीय मुद्दों को प्राथमिकता मिलेगी.”
‘बीजेपी को हराना है प्राथमिकता’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “उन्होंने (सीएम ममता बनर्जी) हमेशा यह कहकर बात खत्म की है कि उनकी प्राथमिकता बीजेपी को हराना है, जो कांग्रेस और इंडिया ग्रुप की भी प्राथमिकता है. फिलहाल हम कोशिश कर रहे है कि कल भारत जोड़ो न्याय यात्रा फिर से शुरू करें. हमें खुशी होगी, अगर वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हों. उनकी उपस्थिति हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी.”