विपक्षी गठबंधन की चार-चार बैठकों के बावजूद नीतीश कुमार से कटी-कटी दिख रही कांग्रेस पहली बार जदयू के अनुकूल रास्ते पर आती दिख रही है। पिछले वर्ष 22 जून को सोनिया गांधी से लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद जदयू के साथ बातचीत के लिए कांग्रेस पहली बार इतनी गंभीरता से आगे बढ़ रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चार दिनों के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं राहुल गांधी ने नीतीश से संपर्क किया है।
गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका
शीर्ष स्तर पर संवाद प्रारंभ हुआ है तो परिणाम भी सकारात्मक आने की उम्मीद जताई जाने लगी है। जदयू से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नीतीश के साथ खरगे की बातचीत का असर बिहार में सीटों के बंटवारे से लेकर गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका तक में जल्द दिख सकता है। कांग्रेस की ओर से गंभीर पहल को देखते हुए सूत्रों का दावा है कि गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका बढ़ने वाली है। आइएनडीआइए के घटक दलों की अगली संयुक्त बैठक के दौरान उन्हें संयोजक बनाए जाने की घोषणा हो सकती है।
विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव
आइएनडीआइए के घटक दलों की ओर से भी नीतीश के पक्ष में कांग्रेस पर दबाव पड़ने लगा है। शिवसेना (ठाकरे गुट) नेता संजय राउत ने भी नीतीश को संयोजक पद का सबसे बेहतर दावेदार बताया है। उनका दावा है कि नीतीश के बारे में अन्य दलों की राय भी सकारात्मक है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव अगर आएगा तो बहुत अच्छा होगा। हालांकि नीतीश कुमार स्वयं कई बार कह चुके हैं कि वह किसी पद के इच्छुक नहीं हैं, किन्तु गठबंधन में तालमेल और संवाद के लिए एक सर्वमान्य नेता की जरूरत महसूस की जाने लगी है।
खरगे ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से भी फोन पर बात की
कांग्रेस में शीर्ष स्तर की सक्रियता को देखते हुए माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर जल्द ही सहमति बना ली जाएगी। नीतीश के नाम पर विपक्षी गठबंधन के अधिकतर दल भी सहमत हैं। सिर्फ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति की बात आ रही है। उन्हें भी ट्रैक पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। अन्य दलों से बात जारी है।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को मल्लिकार्जुन खरगे ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से भी फोन पर लंबी बात की है। एक दिन पहले ही कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति ने खरगे को अन्य दलों के साथ तालमेल एवं सीटों की दावेदारी की रिपोर्ट सौंपी है। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का निर्णय सिर्फ कांग्रेस का नहीं होगा। इसपर सभी घटक दल मिलकर विचार करेंगे।