पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 48 घंटे के भीतर दूसरी बार एनडीए के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब वह “इधर-उधर नहीं जाएंगे” और आगामी विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ मिलकर मजबूती से लड़ेंगे।
एनडीए के साथ रहने का फिर किया वादा
पटना में आयोजित जदयू विधि प्रकोष्ठ के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा,
“चुनाव होने वाला है। हम लोग चुनाव जीतेंगे और हमारी पार्टी को काफी वोट मिलेगा। हम शुरू से एनडीए के साथ रहे हैं। बीच में इधर-उधर चले गए थे, लेकिन अब कहीं नहीं जाएंगे।”
नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए के सभी दल एकजुट होकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन में जब उन्हें मौका मिला था तो वहां “काफी गड़बड़” की गई, इसलिए अब दोबारा वहां जाने का सवाल ही नहीं उठता।
क्यों बार-बार दोहरा रहे भरोसा?
राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार बार-बार यह बयान देकर भाजपा और एनडीए के अन्य नेताओं को भरोसा दिला रहे हैं कि वह पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
संजय कुमार के मुताबिक,
“नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी कई बार एनडीए के साथ रहने की बात कर चुके हैं। वह नहीं चाहते कि बीजेपी नेताओं के मन में कोई संदेह रहे। साथ ही मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए नीतीश महागठबंधन में वापसी का जोखिम भी नहीं उठाना चाहते, खासकर जब केंद्र में भी उनकी पार्टी के मंत्री हैं।”
विधि प्रकोष्ठ कार्यक्रम में दिया जीत का मंत्र
पटना में आयोजित जदयू के विधि प्रकोष्ठ कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, मंत्री बिजेंद्र यादव, विजय कुमार चौधरी समेत कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने वकीलों को संबोधित करते हुए कहा,
“मुझे पूरा विश्वास है कि विधि प्रकोष्ठ के अधिवक्ता साथी पार्टी को मजबूती देंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करेंगे। सभी को एकजुट होकर पूरी ताकत से काम करना होगा।”
नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए भी अनेक महत्वपूर्ण पहल की गई है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी अधिवक्ताओं से हाथ उठाकर एकजुटता का संकल्प भी लिया।