सीट शेयरिंग से पहले नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, अपने ही संसद के खिलाफ तय ‘चहेते’ की उम्मीदवारी
बिहार में सीट शेयरिंग से पहले ही नीतीश कुमार ने अपनी ओर से बड़ी चाल चल दी है. माना जा रहा है कि सीतामढ़ी से जेडीयू के निवर्तमान सांसद सुनील कुमार पिंटू को किनारे करने के लिए नीतीश ने ये फैसला लिया है. इसकी घोषणा बाकायदे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में की गई है. इस सीट पर जेडीयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर की दावेदारी फिक्स कर दी गई है।
सीतामढ़ी सीट बनी हॉटकेक
सीतामढ़ी सीट को लेकर जेडीयू के भीतर भी खींचतान मची हुई है. नीतीश कुमार ने समय से पहले ही इसपर देवेश चंद्र ठाकुर की दावेदारी पक्की करके विरोधियों को चुप रहने के संकेत दे दिए हैं. हालांकि अभी तक इंडिया गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बनी है. लेकिन जिस तरह से जेडीयू ने सीतामढ़ी सीटी पर अपना दावा ठोंका है उससे कहीं न कहीं आरजेडी और कांग्रेस भी असहज हो गई होगी।
सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर होंगे उम्मीदवार
बता दें कि सीतामढ़ी सीट पर बोरो प्लेयर के रूप में सुनील कुमार पिंटू को बीजेपी ने उतारा था. वो कहते भी रहे हैं कि वो एक बोरो प्लेयर के रूप में जेडीयू में हैं, जब भी बीजेपी बुलाएगी वो वापस चले जाएंगे. पिंटू के इसी बागी तेवर को देखते हुए नीतीश कुमार ने ये रूख अख्तियार किया हुआ है. बता दें कि देवेश चंद्र ठाकुर विधान परिषद में सभापति हैं और वो अभी तिरहुत स्नातक क्षेत्र से विधान पार्षद हैं।
कौन हैं देवेश चंद्र ठाकुर ?
देवेश चंद्र ठाकुर नीतीश के काफी करीबी नेता माने जाते हैं. नीतीश की नेतृत्व वाली सरकार में वह पहले आपदा प्रबंधन मंत्री भी रह चुके हैं. विधान परिषद में देवेश चंद्र ठाकुर का यह चौथा साल है. ऐसे में देवेश चंद्र ठाकुर पर नीतीश ने बड़ा दांव खेला है. वर्तमान में देवेश चंद्र ठाकुर विधान परिषद के सभापति हैं और तिरहुत स्नातक क्षेत्र से MLC है. माना जा रहा है कि जेडीयू की कमान हाथ में मिलते ही नीतीश का यह पहला फैसला है. हालांकि इस सीट पर अपने अन्य सहयोगी दलों से जेडीयू ने कोई चर्चा नहीं की है।
सीतामढ़ी सीट पर पेंच
वैसे भी सीतामढ़ी सीट को लेकर जेडीयू के अंदरखाने में भी घमासान चल रहा है. सीतामढ़ी के स्थानीय जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर की उम्मीदवारी का विरोधी कर रहे थे, विधान पार्षद रामेश्वर महतो, पूर्व विधायक रंजू गीता, अर्जुन राय कतार में थे. स्थानीय नेताओं ने विजय चौधरी से मुलाकात कर इसको लेकर विरोध भी जताया था. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर से फैसला लिया जा चुका है।
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