बिहार सरकार की 2006 में लाई गई साइकिल योजना की चर्चा अब विदेश तक हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अनुसार, कक्षा नौ या उससे ऊपर की हर लड़की को स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल दी जाती है. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि अब ये योजना जांबिया-माली में भी लागू हो रही है.
विदेश में भी साइकल योजना की धूम: बिहार की साइकिल योजना पर अमेरिका के एक प्रोफेसर ने अध्ययन किया और यूनाइटेड नेशंस को अपनी रिपोर्ट दी थी. वहीं यूनाइटेड नेशंस ने भी इस मॉडल को अपनाया है. उसके द्वारा अफ्रीका के जाम्बिया और कुछ अन्य देश में लड़कियों में शिक्षा के प्रति रुचि जगाने के लिए साइकिल स्कीम को लागू कराते हुए धनराशि भी उपलब्ध कराई गई है.
साइकिल- पोशाक योजना से बदली तस्वीर: शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा की मुख्यधारा से बालक-बालिकाओं को जोड़ने के लिए 2006-07 में पोशाक योजना शुरू की थी. इससे अभूतपूर्व कामयाबी मिली. बिहार में 2006 में नीतीश कुमार की पहल पर नौवीं कक्षा की लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरुआत की गई थी. साल 2009 में लड़कों के लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई. वहीं साइकिल योजना लागू होने से लड़कियों का पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ा है. बिहार में इससे नारी शिक्षा को बढ़ावा देने और नारी सशक्तीकरण में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिला है.
7279 विशेष शिक्षकों की होगी नियुक्ति: ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए 7279 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति जल्द करने की घोषणा की. उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत शिक्षा विभाग के तृतीय अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुये ऐसा कहा है.
अनुकंपा के आधार पर इतने शिक्षकों की होगी नियुक्ति: शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसके लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेज दी गई है. इसके साथ विधानसभा में शिक्षा मंत्री ने अनुकंपा के आधार पर 6481 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की भी घोषणा की. जब शिक्षा मंत्री ने दोनों घोषणा की तो मुख्यमंत्री भी सदन में मौजूद थे.
2025-26 में कितना बढ़ा शिक्षा बजट: शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में तृतीय अनुपूरक बजट 2025 पर बोलते हुए कहा कि 2005 से पहले शिक्षा का बजट 4000 करोड़ से कुछ अधिक था. वहीं 2025-26 में शिक्षा का बजट 60,964.87 करोड़ रुपये है. इसके अलावा राज्य के सरकारी विद्यालयों में 44 प्रतिशत महिला शिक्षक कार्यरत हैं. 2002 में राज्य में साक्षरता दर 47.5 प्रतिशत ही थी, अब इसमें भारी इजाफा हुआ है.
राज्य में 50 केंद्रीय विद्यालय हो रहे संचालित:शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 50 केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं. इनमें ऐसे 12 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है. ऐसे केंद्रीय विद्यालयों को बिहार सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध करायी जाएगी. 358 प्रखंडों में डिग्री महाविद्यालय खोलने के लिए शिक्षा विभाग के स्तर से जल्द ही सारी प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी. वहीं नौ डिग्री महाविद्यालय पहले से स्थापित करने की प्रक्रियाधीन है. इस साल अप्रैल में ही सभी बच्चों को पोशाक की राशि दी जाएगी.
“सरकारी विद्यालयों में तकनीकी शिक्षा से बच्चों को जोड़ा जा रहा है. कक्षा छह से आठ तक के 29 हजार मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर की पढ़ाई प्रारंभ करायी जाएगी. सरकारी विद्यालयों में कंप्यूटर लैब की भी स्थापना की जा रही है. विभागीय स्तर से हर विधायक से उनके क्षेत्र के दस-दस सरकारी विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए सूची मांगी गई थी. सूची के आधार पर विभाग द्वारा 563 विद्यालयों का जीर्णोद्धार कार्य कराया जा चुका है.”- सुनील कुमार, शिक्षा मंत्री
विपक्ष ने इस मुद्दे पर किया हंगामा: विपक्षी विधायकों द्वारा सरकार के नए फैसलों को लेकर नाराजगी जताई गई, जिसमें सभी निर्माण कारपोरेशन के माध्यम से कराने का फैसला लिया गया है. विपक्षी सदस्यों ने पहले इस मुद्दे पर काफी हंगामा किया और उसके बाद सदन का बहिष्कार भी कर दिया. कई सत्ता पक्ष के सदस्य भी चाहते थे कि सरकार अपने फैसले पर विचार करें.
विनियोग विधेयक सम्राट चौधरी ने कराया पास:विधानसभा में शिक्षा मंत्री के जवाब के बाद उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने तृतीय अनुपूरक बजट से संबंधित विनियोग विधेयक पास कराया. वहीं विपक्ष की अनुपस्थिति में ही विनियोग विधेयक सरकार ने पास करा लिया.