नीतीश कुमार के MLC संजय सिंह ने कर दिया बड़ा ऐलान, बिहार में सियासी बवाल तय, अब क्या करेगी BJP?
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद संजय सिंह ने बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का खुला ऐलान कर दिया है. उन्होंने अपने सरकारी आवास पर बाढ़ से आए अपने समर्थकों की मौजूदगी में यह घोषणा की है. साथ ही ये भी खुलासा किया कि ललन बाबू ने हमसे फंड मांगा तो हमने अपना फंड इस क्षेत्र के विकास के लिए दे दिया।
बाढ़ विधानसभा सीट पर जेडीयू का दावा: संजय सिंह ने 4 सितंबर को अपने सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में बाढ़ के राजपूत समाज के लोगों की बैठक बुलाई थी. उस मीटिंग में संजय सिंह ने ऐलान करते हुए कहा कि हम चुनाव जरूर लड़ेंगे, आप लोग चिंता मत करिए. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर हम बाढ़ से ही लड़ेंगे. संजय सिंह ने लोगों से आशीर्वाद मांगते हुए कहा कि 2025 में बाढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. अब वह युद्ध के मैदान से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
“हम लड़ेंगे चिंता मत कीजिए. बाढ़ से ही लड़ेंगे, एट एनी कॉस्ट लड़ेंगे. 2025 में बाढ़ से ही लड़ेंगे, इतना जान लीजिए. आप लोग विश्वास कीजिए. जब मन बन जाता है ना तब आगे क्या. युद्ध के मैदान में कभी घबराना नहीं चाहिए. युद्ध के मैदान में जब जुट गए हैं तो अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेंगे, आप लोगों का आशीर्वाद रहा तब.” – संजय सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष सह विधान पार्षद, जनता दल यूनाइटेड
संजय सिंह अपने दावे पर कायम: संजय सिंह ने फोन से हुई बातचीत में इस बात को दोहराया है कि वह हर हाल में बाढ़ से चुनाव लड़ेंगे, चाहे वह किसी की भी सीटिंग सीट हो. जब उनसे पूछा गया कि क्या जेडीयू टिकट देगा आपको? इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी जरूर टिकट देगी और अगर टिकट देगी तो जरूर लड़ेंगे।
जेडीयू के दावे पर क्या बोले बीजेपी विधायक?: वहीं, संजय सिंह के बाढ़ सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पर बाढ़ के मौजूदा बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि लोकतंत्र में किसी को कहीं से भी चुनाव लड़ने की आजादी है. वैसे एनडीए में बाढ़ सीट पर कोई वैकेंसी नहीं है लेकिन यहां लोकतंत्र है, जहां किसी को किसी भी दल से या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता है।
जेडीयू के दावे से एनडीए में टकराव?: 2020 में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन के तहत बाढ़ सीट बीजेपी के हिस्से में गई थी. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने इस सीट पर जीत हासिल की थी लेकिन अब जेडीयू एमएलसी के एकतरफा ऐलान से न केवल नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा दी है, बल्कि जेडीयू और बीजेपी के बीच टकराव भी बढ़ सकता है।
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