वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश किया। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना 7वां बजट पेश किया। ऐसे में अब वे सबसे अधिक बार बजट प्रस्तुत करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन गई है। इससे पहले ये रिकाॅर्ड मोरारजी देसाई के नाम पर था। बजट में हर किसी को उम्मीदें थीं। आम लोगों के साथ-साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी बेसब्री से बजट 2024 का इंतजार कर रहे थे। पहले नीतीश कुमार मोदी सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। जिसे मोदी सरकार ने बजट से एक दिन पहले सिरे से नकार दिया।
विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर खामोश बैठे नीतीश कुमार को उम्मीद थी कि विशेष पैकेज मिल जाएगा, लेकिन लगता है कि नीतीश कुमार बजट में भी खाली हाथ रहे। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2 राज्यों के लिए सर्वाधिक घोषणाएं कीं। इसमें बिहार और आंध्रप्रदेश शामिल हैं। आंध्रप्रदेश को 15000 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की। जबकि बिहार को 26 हजार करोड़ रुपये के तीन एक्सप्रेस-वे, 21 हजार करोड़ रुपये के 2400 मेगावाट का एक पावर प्लांट, मेडिकल काॅलेज और एयरपोर्ट शामिल हैं।
बिहार के लिए ये बड़ी घोषणाएं
इसके अलावा गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की बात की गई है। सरकार पूर्वोदया योजना के जरिए बिहार का विकास करेगी। बक्सर में गंगा नदी पर 26 हजार करोड़ की लागत से दो लेन का पुल का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही ग्लोबल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने के लिए गया के विष्णुपाद मंदिर और बोधगया के महाबोधि मंदिर को काॅरिडोर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
विशेष राज्य की उठी मांग
बिहार के लिए नीतीश कुमार आंध्रप्रदेश की तरह ही पैकेज की डिमांड कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने और उनके मंत्रियों ने बजट से एक महीने पहले ही माहौल बनाना शुरू कर दिया था। पहली बार इसकी आवाज उठी जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक में। जब दिल्ली में हुई बैठक के बाद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेताओं ने विशेष राज्य और विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो आर्थिक पैकेज की मांग की थी।
नीतीश कुमार खामोश क्यों है?
बजट का ऐलान हो चुका है लेकिन नीतीश कुमार की अभी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ऐसे में सभी को उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। बजट भाषण शुरू होने से पहले उन्होंने बिहार विधान मंडल के बाहर कहा था कि सब कुछ धीरे-धीरे स्पष्ट हो जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि वे बजट का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने बजट में कई घोषणाएं भी की हैं लेकिन नीतीश कुमार की खामोशी पीएम मोदी की धड़कनें बढ़ा रही हैं।