बिहार में करोड़ों रुपए की लागत बनने वाले पुलों के धराशायी होकर गिरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इस बार ऐसा ही मामला भागलपुर में आया है जहां एक पुल और ध्वस्त हो गया. वहीं भागलपुर में पुल धवस्त होने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने पुलों के गिरने में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार को लेकर सीएम नीतीश को कठघरे में खड़ा किया है. साथ ही बड़े बड़े पुलों के गिरने के बाद ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाया है.
तेजस्वी यादव ने पुलों के गिरने को लेकर सीएम नीतीश पर बड़ा हमला करते हुए कहा, ‘बिहार के भागलपुर में एक पुल और ध्वस्त हुआ। नीतीश कुमार जी के शासन में भ्रष्टाचार की जड़े जितनी गहरी है पुल के पिलर उतने ही सतही है इसलिए विगत 2-3 महीनों में ही हजारों करोड़ की लागत से निर्मित एवं निर्माणाधीन सैंकड़ों पुल-पुलिया और मेगा ब्रिज भरभराकर गिर चुके है। मजाल है आपने मुख्यमंत्री का इन गिरते पुलों के भ्रष्टाचार पर कभी कोई बयान सुना हो अथवा उन्होंने बड़ी भ्रष्टाचार रूपी व्हेल मछली पर कभी कोई कारवाई की हो? आख़िर करेंगे भी कैसे? उन छोटी मचलती मछलियों को खिला-पिला कर उन्होंने ही बनाया है।
दरअसल, बिहार के भागलपुर जिले में पीरपैंती से बाखरपुर होते हुए बाबूपुर तक जाने वाली सड़क पर बना पुल ध्वस्त हो गया है. बाखरपुर से बाबूपुर के बीच बना पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, जिससे दियारा से बाबूपुर-बाखरपुर का सड़क संपर्क पूरी तरह से भंग हो गया है. यह सड़क पीरपैंती बाजार से बाखरपुर, बाबूपुर होते हुए झारखंड को जोड़ती है, जो कि इस क्षेत्र के लोगों के लिए महत्वपूर्ण सड़क मार्ग है. लेकिन अब पुल के ध्वस्त हो जाने से पुलों के रखरखाव को लेकर जताई जा रही चिंता एक बार फिर से बढ़ गई है.
वहीं पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा है. राज्य में पिछले कुछ महीनों के दौरान छोटे-बड़े कई पुल गिरे हैं. वहीं कई ऐसे निर्माणाधीन पुल भी हैं जो बनने के पहले ही जमीदोंज हो गए. इससे राज्य में पुलों की गुणवत्ता और उनके रखरखाव पर राज्य सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है.