बिहार इन दिनों पूरे देश भर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने असंभव को संभव बना दिया है. कुछ महीना पहले बिहार में बीपीएससी द्वारा सरकारी शिक्षकों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसमें बिहार से बाहर के भी रहने वाले युवाओं को फॉर्म भरने का मौका दिया गया था. हालांकि परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान बिहार के बेरोजगार युवाओं ने इस बात का विरोध किया था।
गांधी मैदान में 120000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के लोग बाहर जाकर नौकरी करते हैं. इसलिए हम बाहर के लोगों को यहां आने से नहीं रोक सकते. यह सही नहीं होगा बल्कि गलत होगा।
उधर दूसरी ओर यूपी के हजारों युवाओं को बिहार में सरकारी शिक्षक बनने का मौका मिला है. पत्रकारों से बात करते हुए इन लोगों ने कहा कि योगी मॉडल से नीतीश मॉडल देश में काफी बेहतर है. अब आप लोग ही बताइए अगर हम लोगों को उत्तर प्रदेश में योगी जी नौकरी दे देते तो बिहार आने की क्या जरूरत थी।
यूपी के पति-पत्नी बिहार में बने टीचर, कहा- अपने राज्य में विकल्प होता तो 1100 KM दूर क्यों आते
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार यूपी के संभल की रहने वाले पति-पत्नी अब बिहार में बतौर शिक्षक का करेंगे। दोनों का कहना है कि यूपी में बेरोजगारों की संख्या ज्यादा है। अगर अपने राज्य में नौकरी का विकल्प रहता तो 1100 किलीमीटर दूर क्यों आते।
उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद किया है और कहा है कि वो काफी अच्छा काम कर रहे हैं।
इतनी तेजी से पहली बार हुआ काम
दरअसल, यूपी के संभल के रहने वाले एक पति-पत्नी की शिक्षक भर्ती में चयन हुआ है। दोनों की पोस्टिंगमुजफ्फरपुर में हुई है। दोनों ने एक ही साथ तैयारी करके ये मुकाम हासिल किया है। उत्तर प्रदेश के संभल के रहने वाले छवि कृष्ण यादव ने कहा कि वो और उनकी पत्नी काफी सालों से परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे थे। हमें उम्मीद भी नहीं थी कि बिहार में हमें नौकरी मिलेगी। इसके लिए हम सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने दूसरे स्टेट के अभ्यर्थियों को बिहार में फॉर्म भरने का मौका दिया।
मैं पिछले 6 साल से तैयारी में लगा हूं। एसएससी समेत अन्य परीक्षाएं दे चुका हूं। लेकिन किसी भी परीक्षा में इतनी तेजी से सारी प्रकियाओं को पूरा करते हुए जॉब मिल जाए,ऐसा पहली बार देखा है। इससे सेंट्रल गवर्नमेंट को भी सीख लेने की जरूरत है। बीपीएससी की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है। उनके द्वारा 2 महीने के भीतर ही हमें नियुक्ति पत्र मिला है। इतना तेजी से प्रक्रिया आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ है। इसके लिए मैं बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद को धन्यवाद देना चाहता हूं।