Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

‘बिहार में शराबबंदी का गुजरात मॉडल लागू करें नीतीश’ जीतनराम मांझी ने फिर से उठाई पुरानी मांग

GridArt 20240202 202510576

नीतीश कुमार की सरकार ने साल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया था। पक्ष और विपक्ष के सभी दलों ने शराबबंदी कानून का समर्थन किया था लेकिन समय बीतने के साथ ही शराबबंदी कानून वापस लेने या उसमें छूट देने की मांग उठने लगी। विपक्ष के साथ साथ सत्ताधारी दल के नेता भी शराबबंदी खत्म करने की मांग करने लगे।

खासकर पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी शराबबंदी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। महागठबंधन की सरकार में रहते हुए मांझी शराबबंदी में छूट की मांग करते रहे।सरकार में रहते हुए जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया था कि शराबबंदी कानून की आड में गरीबों को जेल भेजा जा रहा है। मांझी ने गुजरात की तर्ज पर बिहार में शराबबंदी कानून में छूट देने की मांग की थी। अब जब राज्य में फिर से एनडीए की सरकार बन गई है मांझी ने अपनी पुरानी मांग को फिर से उठा दिया है।

जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में जब शराबबंदी कानून लागू हुआ था तो सभी दलों ने उसका समर्थन किया था लेकिन शराबबंदी कानून के तरह जो कार्रवाई हो रही है उससे हम सहमत नहीं हैं। गरीब तबके के लोग अगर दो ढाई सौ मिली लीटर शराब पीकर पकड़ा जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होती है लेकिन दूसरी तरफ 10 बजे रात के बाद जो बड़े बड़े अधिकारी हैं चाहे वे न्यायिक सेवा के हों, सिविल के हों या पुलिस के अधिकारी हों इसके साथ ही साथ विधायक और सांसद अपने परिवार के साथ शराब पीते हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन गरीबों के साथ अन्याय होता है। गरीब तबके के लोग दिनभर की कड़ी मेहनत के बाद थकान मिटाने के लिए थोड़ा बहुत ले लेते हैं तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है। इसके बाद उसका परिवार भूखमरी के कगार पह पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में बिहार में गुजरात का शराबबंदी मॉडल बहुत कारगर हो सकता है। गुजरात में परमीट के आधार पर लोग जरूरत के मुताबिक शराब लेते हैं, उसी तरह की व्यवस्था बिहार में भी लागू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री को इसपर विचार करना चाहिए और हो सके तो गुजरात मॉडल को लागू करना चाहिए।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading