देश के पांच राज्यों में हुए चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद कल यानी 6 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दिल्ली में इंडी गठबंधन की बैठक बुलाई है। इस बैठक में बिहार से जेडीयू और आरजेडी के नेता तो शामिल होंगे लेकिन विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि बीमार होने के कारण सीएम नीतीश बैठक में नहीं जा रहे हैं।
दिल्ली में बुधवार को होने वाली इस अहम बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के अलावा जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा शामिल होंगे। पांच राज्यों के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद विपक्षी दलों की होने वाली इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक में संयोजक के नाम के साथ साथ सीट शेयरिंग के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे।
दरअसल, पांच राज्यों में हुए चुनावों में इंडी गठबंधन में शामिल दलों ने अलग- अलग चुनाव लड़े। क्षेत्रीय दलों का मानना है कि अलग-अलग चुनाव लड़ने के कारण ही तीन राज्यों में बीजेपी को जीत मिली है। जेडीयू और आरजेडी का स्पष्ट कहना है कि कांग्रेस अपनी हार के लिए खुद जिम्मेवार है और अगर राज्यों में भी विपक्षी दल साथ मिलकर चुनाव लड़े होते तो शायद नतीजे कुछ और होते। नतीजे आने के बाद जेडीयू और आरजेडी कांग्रेस पर दबाव बना रहे हैं और कह रहे हैं कि कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों को उचित सम्मान देना होगा तभी बीजेपी को मात दिया जा सकता है। दिल्ली में कल होने वाली बैठक में विपक्षी दल इन सभी मुद्दों को उठा सकते हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने के लिए बने इंडी गठबंधन में सीटों के बंटवारे की बात होने के बाद गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने चुप्पी साध ली थी। पिछले दिनों खुद मुख्यमंत्री नीतीश ने कांग्रेस के रवैये पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि हमलोग कांग्रेस को जीताने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन उसे विपक्षी गठबंधन से कोई मतलब नहीं है हालांकि अब जब तीन राज्यों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है तो उसे विपक्षी गठबंधन की याद आयी है और चुनाव के रूझान सामने आते ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडी गठबंधन की बैठक बुलाई है हालांकि इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे। ऐसे में सियासी गलियारों में इसको लेकर कयासों का बाजार गर्म हो गया है।