मध्य प्रदेश में बीजेपी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर एक तीर से दो निशाना किया है। बीजेपी ने एमपी के सहारे यूपी और बिहार में यादवों को लुभाने की कोशिश की है, हालांकि जेडीयू ने कहा है कि मध्य प्रदेश में यादव सीएम बनाने से बिहार में उसका कोई असर नहीं होने वाला है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा है कि नीतीश कुमार के जातीय गणना और आरक्षण का दायरा बढ़ाने के मास्टर स्ट्रोक ने बीजेपी को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर किया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने यादव जाति से मुख्यमंत्री बनाकर यूपी और बिहार को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। बीजेपी के इस मास्टर सट्रोक को आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है और कहा जा रहा है कि इसका असर लोकसभा चुनाव में बिहार और यूपी में देखने को मिलेगा हालांकि जेडीयू ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है।
पटना पहुंचे जेडीयू के राष्ट्रीय सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिशन 2024 के जरहत जल्द ही झारखंड और उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों का दौरा करेंगे। नीतीश कुमार राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र भी जायेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना और आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के बाद नीतीश कुमार की लोकप्रियता बढ़ी है।
त्यागी ने कहा कि बीजेपी ने अगर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नेतृत्व का चेहरा बदला तो इसके पीछे नीतीश कुमार की रणनीति का असर है। नीतीश कुमार ने बीजेपी को रणनीति बदलने पर मजबूर किया है। कांग्रेस ने अगर बीते विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार का साथ लिया होता तो आज नतीजे कुछ और होते। कांग्रेस अपने नेतृत्व में ही नीतीश कुमार को साथ लेकर बढ़ती तो 2024 को लड़ाई और मजबूत होती। बीजेपी ने मोहन यादव के सीएम बनाकर जातीय महत्वाकांक्षा को बढ़ाने का काम किया लेकिन यादवों में लालू यादव की पकड़ अब भी बरकरार है।