क्या बिहार की सरकार पहले से किसी भी काम के लिए तैयार नहीं होती? क्या राज्य सरकार ने बैठे अधिकारी और नेताओं को यह मालूम नहीं होता कि सूबे की मूलभूत समस्या क्या है ? क्या राज्य के मुखिया जब कोई हादसा हो जाता है तब उसकी समीक्षा करते हैं और फिर उसपर एक्शन लेने की बात करते हैं ? बिहार सरकार पहले से किसी भी आपदा के लिए तैयार नहीं होती ? अब तमाम सवाल इस वजह से पूछे जा रहे हैं क्योंकि राज्य सरकार के मंत्री ने खुद बोला है कि हम चौकस नहीं है। इसलिए सूबे के अंदर आपदा आती है।
दरअसल,नेपाल में भारी बारिश का दंश बिहार झेल रहा है। नदी-नाले उफान पर हैं. कोसी, गंडक और गंगा नदी में बाढ़ के चलते शहर-कस्बे-गांव हर जगह तबाही देखने को मिल रही है। अब तक 19 जिलों में 12 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसको लेकर अब बिहार सरकार के मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने बड़ा ही अनोखा जवाब दिया। बिहार सरकार के मंत्री और सीएम नीतीश के करीबी माने जाने वाले अशोक चौधरी ने कहा कि हम बाढ़ को लेकर तैयार नहीं थे।
बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारी समझ से 60-70 साल बाद कोशी के इलाके में ऐसा बाढ़ आया है। इससे कुछ जगहों पर कई बांध टूट गए। जब हमारे अधिकारी और हर कोई समझ रहा था कि अब बाढ़ नहीं आएगा अब सब खत्म हो गया। इसलिए सब लोग रिलेक्स हो गए थे। लेकिन, यदि जल संसाधन विभाग अधिक सतर्क रहता और चौकस रहता तो शायद ऐसा नहीं होता।
इसके आगे अशोक चौधरी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आज जो हो रहा है वह चिंता का विषय है। हालांकि, हमारे नेता सभी चीजों पर नजर बनाए हुए हैं। इसको लेकर आज ही सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए कुछ धन राशि दिए जाएंगे। हमलोग इनको लेकर हर संभव उपाय कर रहे हैं। सरकार अपने तरह से चीजों को देख रही है।
इधर, तेजस्वी यादव के उस ट्वीट पर उन्होंने कहा कि यदि सही मायने में उस समय यूपीए की सरकार हमें पैकेज दे देती तो आज बिहार कहां से कहां चल जाता। वो लोग बस बोलना जनाते हैं इसलिए दुबई में बैठ कर बोल रहे हैं। हमलोग काम करना जानते हैं इसलिए आपदा से निपटने के लिए काम कर्ट रहे हैं। हमलोग काम में ध्यान देने वाले लोग हैं।