बिहार का सियासी पारा सातवें आसमान पर है. एक तरफ जहां बिहार बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया गया, वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय राजधानी पटना में डेरा डाले हुए हैं. बिहार की हालात पर उनकी नजर है. गुरुवार को नित्यानंद राय ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की है. इस दौरान दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई।
दिल्ली में भाजपा नेता की बैठकः बिहार में सियासी उलट फेर की संभावना बनी हुई है. उच्च स्तरीय बैठकों का दौर चल रहा है. राष्ट्रीय जनता दल और जदयू के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं लग रहा है. खासकर कर्पूरी ठाकुर की जयंती में नीतीश कुमार का परिवारवाद वाला बयान से कई कयाल लगाए दा रहे हैं. बिहार की राजनीति में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भाजपा की भी नजर बनी हुई है।
मांझी और नित्यानंद के बीच लंबी बातचीचः भारतीय जनता पार्टी ने बिहार प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है. गृह मंत्री अमित शाह के साथ बिहार भाजपा के तमाम नेताओं की बैठक भी हुई है. और वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई है. गुरुवार को नित्यानंद राय और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच आधे घंटे तक राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई है।
जीतन राम मांझी की भूमिका अहमः सवाल यह उठता है कि जब बिहार भाजपा के तमाम नेता दिल्ली में हैं तो नित्यानंद राय पटना में क्यों है. पूर्व मुख्यमंत्री जितेंद्र राम मांझी से मुलाकात के क्या मायने हैं. आपको बता दें कि जीतन राम मांझी के चार विधायक हैं और गैर राष्ट्रीय जनता दल सरकार में मांझी की भूमिका अहम हो जाती है. चार विधायक सरकार बनने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. जीतन राम मांझी को एनडीए के साथ एग्जिट रखने के लिए भाजपा नेता संभव कोशिश कर रहे हैं।
नीतीश और सम्राट के सुर एकः बता दें कि नीतीश कुमार के परिवारवाद वाले बयान पर जीतन राम मांझी ने भी तंज कसा है. कहा कि बताएं कांग्रेस और राजद को कैसा लगा होगा. तीनों के बीच खटास है. उन्होंने कहा कि मैने पहले ही कहा था कि जनवरी में कुछ होने वाला है. इसकी शुरुआत हो गई है. नीतीश कुमार के बाद सम्राट चौधरी ने भी लालू यादव पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए बड़ा बयान दिया था।