सावन के महीने में देवघर स्थित बाबा बैधनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। शिव भक्त घर से नंगे पांव कांवर लेकर देवघर जाते हैं। सुलतानगंज में जल भरते हैं और देवघर में चढ़ाते हैं। बाबा बैधनाथ धाम में जलाभिषेक के बाद श्रद्धालु खाली पैर ही घर लौटते हैं। शिवभक्तों को नंगे पांव बाबा बैधनाथ धाम में एंट्री मिल गयी लेकिन शॉपिंग मॉल में इन कांवरियों को घुसने तक नहीं दिया गया।
जब कांवरियों ने मॉल में नहीं घुसने देने का कारण पूछा तो प्रोटोकॉल का हवाला दिया गया। बताया जाता है कि सभी कांवरियां गढ़वा के बंशीधर नगर के रहने वाले हैं जो देवघर स्थित बाबा धाम में जलाभिषेक के बाद रांची लौटे थे। तभी इन्हें कुछ सामान खरीदना था इसलिए रांची के सबसे बड़े मॉल में पहुंच तो गये लेकिन उन्हें घुसने नहीं दिया गया।
मॉल के मैनेजर ने प्रोटोकॉल का हवाला देकर सभी कांवरियों को गेट पर ही रोक दिया। जिसका वहां मौजूद लोगों ने विरोध भी किया और इसका वीडियो बनाया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बता दें कि रांची का सबसे बड़ा यह मॉल फिल्म निर्माता प्रकाश झा का है जो रातु रोड स्थित मॉल ऑफ रांची के नाम से जाना जाता है।
एक ओर जहां कांवर यात्रा के दौरान कांवरियों पर पुष्प वर्षा की जाती है। नंगे पांव श्रद्धालु देवघर जाते हैं लेकिन इस मॉल में इन्हें एंट्री नहीं दी जाती है। जिसका अब भारी विरोध हो रहा है। विरोध के बाद मैनेजर नीतीश अग्रवाल ने सफाई दी है कि कांवरियों की सुरक्षा को देखते हुए मॉल में इंट्री नहीं दी गई। क्योंकि सभी नंगे पांव थे ऐसे में ये लोग फर्श पर फिसल सकते थे। मॉल के प्रोटोकॉल में इसका विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। वही इस मामले पर बीजेपी ने विरोध जताते हुए कार्रवाई की मांग की है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मॉल प्रबंधन द्वारा शिव भक्तों को मॉल के अंदर प्रवेश करने से रोकना खेदजनक है। रांची के उपायुक्त मामले का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करें। वही बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा शिव भक्तों और सनातनियों का जान-बूझकर अपमान किया गया है। उनकी वेशभूषा पर सवाल उठाए गए और उन्हें रोका गया। उन्होंने मॉल ऑफ रांची के मालिक के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। मॉल प्रबंधन को माफी मांगनी चाहिए।