भाजपा में हेलो-प्रणाम नहीं अब सिर्फ ‘राम-राम’, पास हुए कई राजनीतिक प्रस्ताव; मिशन 2024 की तैयारी में जुटी बिहार बीजेपी
देश में आगामी पांच से छह महीनों के अंदर लोकसभा का चुनाव होना है। इस चुनाव से पहले देश की तमाम छोटी- बड़ी पार्टी अपने तौर – तरीकों से चुनावी रणनीति बनाने में जूट गई है। इसी कड़ी में बीते शाम लगभग पांच घंटों तक बिहार भाजपा के अंदर कोर कमिटी की बैठक हुई है। इस बैठक में कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा की गई है। उसमें जो प्रमुख बातें थी उसके अनुसार वर्तमान राजनीतिक हालत और आगामी रणनीति पर चर्चा की गई है।
दरअसल, बिहार भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियोंमें अगले साल में होने वाली सांगठनिक गतिविधियों की कार्ययोजना बना ली है। प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अगले एक साल में पार्टी की ओर से क्या-क्या कार्यक्रम होना है, बैठक में इस पर चर्चा हुई। इसके आलावा यह भी निर्देश दिया गया है कि बिहार में जो राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। उसको लेकर कुछ तल्ख़ टिपन्नी नहीं करना है। बस सभी हालत पर नजर बनाए रखना है। इसके आलावा यह भी कहा गया है कि बिहार में जो राजनीतिक माहौल है उसपर केंद्रीय टीम की भी नजर है। लिहाजा कभी भी रिपोर्ट तलब किया जा सकता है। इसलिए सभी चीज़ों पर नजर बना कर रखनी है।
इसके साथ ही पार्टी ने तय किया कि लोस चुनाव को लेकर सभी मोर्चा व प्रकोष्ठों को सक्रिय हो जाना है। बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने का टास्क सौंपा गया। इसके लिए हर हाल में बूथ कमेटी बनाने को कहा गया। हरेक लोकसभा चुनाव में चुनाव प्रबंधन कमेटी बनाने को कहा गया। जहां विस्तारक नहीं हैं, वहां विस्तारक बनाने का निर्णय हुआ है। बैठक में यह भी तय हुआ कि लोकसभावार बनी कोर कमेटी की बैठक नियमित अंतराल पर होगी।
इसके आलावा इस बैठक में जो मुख्य निर्देश दिया गया है उसमें यह कहा गया है कि पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता अब किसी से फोन पर ‘हेलो’ या मिलने पर ‘प्रणाम’ नहीं ‘राम-राम’ कहेंगे। इसके साथ ही अगले दो महीने यानी 24 जनवरी से 24 मार्च तक हर विधानसभा क्षेत्र से कम के कम 10 हजार लोगों को अयोध्या धाम ले जाकर रामलला का दर्शन कराना है।
उधर, इस बैठक में जो राजनितिक समीकरण बनाया गया है उसके मुताबिक़ लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार देश को तोड़ने की नीति पर काम कर रहे, वो बताएं कि आर्थिक-सामाजिक आंकड़ों पर निर्णायक निर्णय क्या और कब लेंगे। राज्य की 1NDIA गठबंधन सरकार आर्थिक-सामाजिक आंकड़ों पर नीति स्पष्ट करें और बताए कि रिपोर्ट पर उसकी अगली कार्ययोजना क्या है। बिहार को ‘बीमारू’ राज्य से निकालने की क्या योजना है क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा तो ‘बीमारू’ राज्य की श्रेणी से बाहर हो गये पर बिहार अब भी आंसुओं के सैलाब में डूबा हुआ बजबजा रहा।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.