पूर्व क्रिकेट सह दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर प्रतिक्रिया दी है. अपने दरभंगा आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर के बनने की घोषणा हुई थी, तब से बड़ी प्रसन्नता है।
’22 जनवरी को मंदिर जाना जरूरी नहीं है’
कीर्ति आजाद ने कहा कि सभी लोग जानते है कि मां सीता की जन्मस्थली मिथिला है. हम लोग यहीं से आते हैं. प्रभु श्री राम का मिथिला ससुराल है. इससे बढ़कर हमारे लिए और प्रसन्नता की बात क्या होगी. भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है।
कोई आवश्यकता नहीं कि हम 22 जनवरी को ही अयोध्या जाए. अगर हम 22 को नहीं जायेंगे तो इसका मतलब ये नहीं कि हम सनातन धर्म के विरोधी हैं. वर्तमान में दो शंकराचार्य कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं. तो क्या वह सनातन धर्म के विरोधी हो गए?”- कीर्ति आजाद, पूर्व सांसद सह पूर्व क्रिकेटर
‘मंदिर के पूर्ण निर्माण के बाद हम जाएंगे’
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए. जब राम मंदिर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाएगा, तब सीता मां की तरफ से हम लोग हजारों लाखों लोग जायेंगे और मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करेंगे।
प्रभु राम पर बीजेपी का कॉपी राइट नहीं
वहीं राम मंदिर को राजनीतिक रंग देने के सवाल पर उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ये तो शुरू से पता है कि ये लोग धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाते हैं. लेकिन राम तो सबके हैं. केवल भारतीय जनता पार्टी का कॉपी राइट नहीं है।
रामनवमी को करना चाहिए था प्राण प्रतिष्ठा
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि अगर कोई नहीं जा रहा है तो उसमें कई कारण हो सकते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन तक अवश्य मंदिर तैयार हो जाता. उस दिन करना चाहिए था. क्योकि उस दिन रामलला के छोटे बचपन की मूर्ति लग रही है. उसकी प्राण प्रतिष्ठा होनी है।
क्या बीजेपी में होगी कीर्ति आजाद की वापसी?
क्या आप फिर से बीजेपी के साथ आ सकते हैं, इस सवाल का जवाब देते हुए कीर्ति आजाद ने कहा कि क्या भाजपा, क्या कांग्रेस और क्या आरजेडी सभी के साथ मेरे मधुर संबंध हैं. तीन बार मैं बीजेपी साथ रहा और एमपी रहा. उस दौरान हमने बिना जाति धर्म देखे सभी का काम किया. चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है इसलिए बहुत जल्द मैं किस पार्टी में जा रहा हूं ये सभी को पता चल जाएगा।