दिल्ली में प्रदूषण से राहत नहीं, वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में
दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को आज सुबह 8 बजे तक 358 मापी गई।
यमुना के पानी में प्रदूषण का स्तर हुआ गंभीर
सीपीसीबी के अनुसार अलीपुर में 372, बवाना में 412, द्वारका सेक्टर 8 में 355, मुंडका में 419, नजफगढ़ में 354, रोहिणी में 381, पंजाबी बाग में 388 और आरके पुरम में 373 दर्ज किया गया। इस तरह की स्थितियां स्वास्थ्य संबंधी जोखिम पैदा करती हैं, खासकर कमजोर समूहों के लिए।
कालिंदी कुंज में यमुना नदी में घने जहरीले फोम देखे गए, जिससे पानी में प्रदूषण के गंभीर स्तर को रेखांकित किया गया। एक्यूआई ने वायु गुणवत्ता को ‘खराब’ (200-300), ‘बेहद खराब’ (301-400) और ‘गंभीर’ (401-450) श्रेणी में रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण कम करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि दिवाली के दौरान वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध कैसे लगाया गया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह प्रतिबंध को लागू करने और प्रदूषण कम करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए एक हलफनामा दाखिल करे। अदालत ने उन रिपोर्टों पर निराशा व्यक्त की जो पटाखों पर प्रतिबंध के व्यापक उल्लंघन का संकेत देते हैं और क्रियान्वयन के अभाव पर जवाब मांगा है।
दिवाली के दिन प्रदूषण का स्तर 10 से बढ़कर 27 प्रतिशत पर पहुंचा
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे ने स्थिति की गंभीरता पर जोर दिया और आंकड़े पेश किए कि दिवाली के दिन प्रदूषण का स्तर 10 प्रतिशत से बढ़कर 27 प्रतिशत हो गया। अदालत ने दिल्ली सरकार और पुलिस को आदेश दिया है कि वे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अपनी योजना तैयार करें।
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