शाहरुख खान और फुटबॉलर लियोनेल मेसी को नोटिस,आज होगी जिला उपभोक्ता आयोग में सुनवाई
कभी आपने सोचा है कि आप अगर कोई शिकायत लेकर कोर्ट में जाएं और फिर आपकी शिकायत सुनने के बाद जज ने चर्चित फुटबॉलर लियोनेल मेसी और अभिनेता शाहरुख खान को नोटिस भेज दें। अब बिहार के मुजफ्फरपुर में ऐसा ही कुछ वाक्या सामने आया है। यहां की कोर्ट ने इन दोनों प्रसिद्ध शख्स को नोटिस जारी कर दिया है।
दरअसल, मोहम्मद शमशाद अहमद ने चर्चित शिक्षक संस्थान में अपने दो बेटों का एडमिशन कराया था। कुछ दिन बाद दोनों बच्चों ने कहा कि वहां पढ़ाई अच्छी नहीं होती है, जिसके बाद पिता ने संस्थान को इसकी सूचना दी और दोनों बच्चों का एडमिशन रद्द करवा दिया। लेकिन इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि यह मामला मुजफ्फरपुर जिला उपभोक्ता आयोग में पहुंच गया।
इस मामले में 30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दाखिल किया गया था। सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष पीयूष कमल दीक्षित ने मामले में संस्थान के प्रबंध निदेशक, चर्चित फुटबॉलर लियोनेल मेसी और अभिनेता शाहरुख खान समेत 7 विरोधी पक्षकारों को नोटिस जारी कर 12 जनवरी यानी आज आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश जारी किया है।
मालूम हो कि, यह पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के चन्दवारा मोहल्ला निवासी मोहम्मद शमशाद से जुड़ा है। मोहम्मद शमशाद ने अपने दो बच्चों का दाखिला जिले में एक चर्चित शिक्षण संस्थान में कराया था। एडमिशन के वक्त दाखिला शुल्क जमा किया गया था। मोहम्मद शमशाद का कहना है कि शिक्षक संस्थान में अच्छी पढ़ाई नहीं होती थी, जिस वजह से बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी। इसकी जानकारी उन्होंने संस्थान को दी थी और बच्चों ने जितने दिन संस्थान में पढ़ाई की उसका फीस भी उन्होंने चुकाया।
लेकिन इस कहानी में ट्विस्ट तब आया जब मोहम्मद शमशाद को पता चला कि संस्थान ने उनके दोनों बच्चों की पूरी ट्यूशन फीस के लिए अलग-अलग लोन जारी कर दिया हैं। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत संस्थान से की लेकिन बावजूद संस्थान ने मामले का निपटारा नहीं किया, जिसके बाद मोहम्मद शमशाद जिला उपभोक्ता आयोग पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई।
उधर, परिवाद पर आयोग के पूर्ण पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए संस्थान के प्रबंध निदेशक, संस्थान के ब्रांड एम्बेसडर अभिनेता शाहरुख़ खान और फुटबॉलर लियोनेल मेसी समेत 7 लोगों को 12 जनवरी यानी आज आयोग में हाजिर होने का आदेश जारी किया। हालांकि उपभोक्ता आयोग की माने तो अगर शुक्रवार को विरोधी पक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो मामले में आगे की कार्रवाई होगी।
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