शिक्षा अफसरों की ‘नोटलीला’! बेतिया से पहले सिवान वाले DEO भी निकले थे करोड़ों के मालिक, परिवहन में पोस्टेड भाई भी DA केस में चार्जशीटेड…फिर भी मिली है मलाईदार पोस्ट

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बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षा व्यवस्था से मतलब नहीं, इन्हें तो सिर्फ दौलत अर्जित करनी है. बेशुमार दौलत अर्जित करने के लिए शिक्षा सेवा के अधिकारी हर गलत काम कर रहे. तभी तो जिस अधिकारी के ठिकानों पर जांच एजेंसियां छापेमारी कर रहीं, वहां अकूत संपत्ति का खुलासा हो रहा. आज 23 जनवरी को विशेष निगरानी इकाई ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. रेड में नोटों की गड्डियां मिली हैं. करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है. दिसंबर 2023 में निगरानी ब्यूरो ने सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों पर रेड किया तो  2 करोड़ से अधिक संपत्ति अर्जन का खुलासा हुआ था.

बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिक्षा व्यवस्था से मतलब नहीं, इन्हें तो सिर्फ दौलत अर्जित करनी है. बेशुमार दौलत अर्जित करने के लिए शिक्षा सेवा के अधिकारी हर गलत काम कर रहे. तभी तो जिस अधिकारी के ठिकानों पर जांच एजेंसियां छापेमारी कर रहीं, वहां अकूत संपत्ति का खुलासा हो रहा. आज 23 जनवरी को विशेष निगरानी इकाई ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. रेड में नोटों की गड्डियां मिली हैं. करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है. दिसंबर 2023 में निगरानी ब्यूरो ने सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी के ठिकानों पर रेड किया तो  2 करोड़ से अधिक संपत्ति अर्जन का खुलासा हुआ था.

बेतिया के पहले सिवान DEO के ठिकानों पर पड़ा था छापा, इनके भाई भी EOU के लपेटे में

बता दें, 8 दिसंबर 2023 को निगरानी ब्यूरो ने सिवान के तत्कालीन डीईओ मिथिलेश कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जन के मामले में केस दर्ज कर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था. सिवान के तत्कालीन डीईओ मिथिलेश कुमार के भाई जो परिवहन विभाग में मोटरयान निरीक्षक हैं, इनके खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति अर्जन का केस दर्ज है. आर्थिक अपराध इकाई ने 2017 में शिवहर में पदस्थापित रहे MVI के खिलाफ DA केस सं.-1 दर्ज कर पटना समेत कई ठिकानों पर रेड किया था. जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार के केस में 2022 में ही चार्जशीट दाखिल कर दिया ,पर विभाग के स्तर से आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज भी परिवहन विभाग उन्हें मलाईदार पोस्ट देकर उपकृत कर रहा है.

दो करोड़ से अधिक की संपत्ति का हुआ था खुलासा

बता दें कि 8 दिसंबर 2023 को निगरानी विभाग ने सिवान के तत्कालीन डीईओ मिथिलेश कुमार के ठिकानों पर छापेमारी की तो अर्जित संपत्ति को देखकर आंखें फटी रह गई.  वैसे सिवान के डीईओ अकेले ऐसे धनकुबेर नहीं हैं. बल्कि जिलों में पदस्थापित दर्जनों ऐसे अफसर हैं जिन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की है.  सीवान से पहले औरंगाबाद में डीपीओ रहते मिथिलेश कुमार ने शिक्षकों को पैसे के लिए प्रताड़ित कर खूब माल बनाया था। तब जांच एजेंसियों की तरफ से बताया गया था कि अवैध कमाई को इन्होंने ग्रेटर नोएडा में खपाया. तभी तो एक फ्लैट की बात कौन करे,चार-चार फ्लैट ग्रेटर नोएडा में मिले हैं। निगरानी की टीम को उनके पटना और सीवान स्थित आवास तथा कार्यालय से 16.07 लाख रुपये नकद मिले थे. इसमें सीवान कार्यालय से 2.22 लाख, सीवान स्थित आवास से 11.85 लाख और पटना के कवि रमण पथ स्थित फ्लैट से दो लाख नगद मिले.निगरानी ब्यूरो की टीम को मिथिलेश कुमार के ग्रेटर नोयडा में चार फ्लैट, औरंगाबाद में पांच प्लॉट, पटना में एक फ्लैट और दो प्लॉट के साक्ष्य मिले हैं. जिनकी कीमत करीब 1.88 करोड़ बताई गई थी. निगरानी रेड के बाद शिक्षा विभाग ने 12 दिसंबर 2023 को ही आरोपी जिला शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार को सस्पेंड कर दिया था.

बेतिया डीईओ के ठिकानों पर छापा

शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी (उप निदेशक) विभा कुमारी के बाद आज (23 जनवरी) को विशेष निगरानी इकाई ने बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ डीए केस दर्ज कर चार ठिकानों पर छापेमारी की है. स्पेशल विजिलेंस इकाई की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, एसवीयू को खबर मिली थी कि बेतिया के जिला शिक्षा अधिकारी रजनी कांत प्रवीण 2005 से अब तक की अवधि के दौरान अवैध रूप से भारी चल और अचल संपत्ति अर्जित की है, जो आय से लगभग 1,87,23,625/ रू अधिक है.

रजनी कांत प्रवीण बिहार शिक्षा सेवा के 45वीं बैच के अधिकारी हैं। वह वर्ष 2005 में सेवा में शामिल हुए और दरभंगा, समस्तीपुर और बिहार के अन्य जिलों में शिक्षा अधिकारी के रूप में काम किया। उनकी कुल सेवा अवधि लगभग 19-20 वर्ष है। रजनी कांत प्रवीण की पत्नी सुषमा कुमारी एक संविदा शिक्षिका थीं, जिन्होंने अपनी सेवा छोड़ दी थी और वर्तमान में ओपन माइंड बिड़ला स्कूल, दरभंगा के निदेशक/वास्तविक मालिक के रूप में कार्य कर रही हैं और रजनी कांत प्रवीण के अवैध रूप से अर्जित धन के वित्तीय समर्थन/निवेश के साथ इस संस्थान को चला रही हैं।

एसवीयू के मुताबिक, रजनी कांत प्रवीण और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर पटना, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में कई करोड़ रुपये की जमीन/फ्लैट हैं। जिसकी कीमत 2,92,92,225 रुपए के करीब है। रजनी कांत प्रवीण और उनकी पत्नी ने अवैध तरीके से कमाई की है। जो या तो उसके स्वयं के नाम पर या उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर, जो कि भ्रष्ट और अवैध तरीकों से अवैध रूप से अर्जित किया गया है।

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