अब बर्थ सर्टिफिकेट के लिए नहीं मान्य होगा आधार कार्ड, जारी हुआ नया आदेश

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श्रम मंत्रालय ने आधार कार्ड को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। अब किसी भी जगह डेट ऑफ बर्थ को अपडेट या सही करने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। अब ईपीएफओ ने इसे मान्य दस्तावेज की लिस्ट से बाहर कर दिया है. इस संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एक सर्कुलर भी जारी किया है।

दरअसल, श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाले ईपीएफओ ने यह फैसला लेते हुए बताया कि आधार के इस्तेमाल से जन्म तिथि में बदलाव नहीं किया जा सकेगा। ईपीएफओ के सर्कुलर के मुताबिक, बताया गया है कि जन्म तिथि में बदलाव के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं होगा। इसे मान्य दस्तावेज की लिस्ट से हटा दिया जाए। इसलिए आधार को हटाने का फैसला लिया गया है।

ईपीएफओ के मुताबिक, जन्म प्रमाणपत्र की मदद से यह बदलाव किया जा सकेगा। साथ ही किसी सरकारी बोर्ड या यूनिवर्सिटी से प्राप्त मार्कशीट और स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट या स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके नाम और जन्मतिथि का उल्लेख होना चाहिए। इसके अलावा सिविल सर्जन द्वारा जारी किया गया मेडिकल सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, पैन नंबर, सरकारी पेंशन एवं मेडिक्लेम सर्टिफिकेट और डोमिसाइल सर्टिफिकेट का इस्तेमाल हो सकेगा।

यूआईडीएआई ने बताया है कि- आधार कार्ड को पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए मगर, इसे जन्म प्रमाण पत्र के तौर पर नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आधार 12 अंकों का यूनिक पहचान पत्र है। इसे भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है। यह पूरे देश में आपकी पहचान और स्थायी निवास के सबूत के तौर पर मान्य है।  हालांकि, आधार बनाते समय लोगों के विभिन्न दस्तावेज के हिसाब से उनकी जन्म तिथि डाली गई थी। इसलिए इसे जन्म प्रमाण पत्र का विकल्प न माना जाए।

उधर, आधार एक्ट 2016 पर विभिन्न कोर्ट कई बार स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं। हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र बनाम यूआईडीएआई एवं अन्य केस में भी कहा था कि आधार नंबर को पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाए न कि जन्म प्रमाण पत्र की तरह. इसके बाद यूआईडीएआई ने 22 दिसंबर, 2023 को सर्कुलर जारी किया था।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.