बिहार सरकार, सरकारी स्कूल की रैंकिंग शुरू करने जा रही है। शिक्षा विभाग ने यह फैसला किया है। साल में एक बार नहीं, दो-दो बार स्कूल के परफॉर्मेंस निर्धारित किए जाएंगे। स्कूल की रैंकिंग से शिक्षकों की रैंकिंग तय होगी। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी किया है। इसके आधार पर ही टीचर्स का परफॉर्मेंस भी तय होगा।
नवंबर से शुरू होगी रैंकिंग
शिक्षा विभाग के नए ACS डॉ. एस सिद्धार्थ ने सभी DEO को भेजे पत्र में कहा है कि बिहार के सभी सरकारी स्कूलों का साल में में दो बार रैंकिंग होगा। बिहार सरकार राज्य के सभी सरकारी स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता फिक्स करने और स्टूडेंट्स के चौतरफा विकास के लिए काम कर रही है। इस संबंध में विद्यार्थियों के शैक्षणिक उपलब्धि के साथ-साथ उनके सामाजिक और भावनात्मक व्यवहार जरूरी है। ACS ने सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षा विभाग सभी स्कूलों में साल में दो बार नवंबर और मार्च में रैंकिंग कराने का फैसला लिया है।
6 प्वाइंट तय करेंगे स्कूल की रैंकिंग
ACS डॉ. एस सिद्धार्थ ने जारी आदेश में कहा है कि स्कूल की विभिन्न गतिविधियों जिसमें पढ़ाई, संसाधन का उपयोग, साफ-सफाई, हाइजीन, शिकायत दूर करने के साथ-साथ अन्य एडुकेशनल पॉइंट पर मार्क मिलेंगे।
कुल 100 अंक लाने पर टॉप करेंगे स्कूल
स्कूल की रैंकिंग के लिए अंक निर्धारित किए गए है। 100 अंक लाने वाले स्कूल टॉप रैंकिंग में शामिल रहेगा। दो या दो से अधिक स्कूल बराबर अंक लाते हैं, तो एक साथ कई स्कूल टॉप पर रहेंगे।
रैंकिंग से टीचर का परफॉर्मेंस तय
शिक्षा विभाग ने कहा है कि रैंकिंग से स्कूल टीचर्स का परफॉर्मेंस तय होगा। सभी शिक्षकों के सलाना मूल्यांकन रिपोर्ट स्कूल के परफॉर्मेंस पर तय होंगे। इस पर पहले भी आदेश जारी किया गया था, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता कैसे उत्कृष्ट हो, इसके लिए विस्तार से दिशा-निर्देश दिए गए थे।
बच्चो के देखभाल पर भी नंबर…
शिक्षा अपर मुख्य सचिव ने आदेश में कहा है कि पढ़ाने के अलावा अन्य तरह के कार्य पर 60 मार्क तय किए गए है। आदेश में साफ-सफाई और स्वच्छता पर 15 अंक फिक्स होंगे। साफ सफाई और स्वच्छता में यह देखना होगा कि स्टूडेंट्स को अच्छी तरह से तैयार होकर विद्यालय आ रहे हैं या नहीं। कटे हुए नाखून, संवरे हुए बाल और ड्रेस साफ सुथरे हो। इसके लिए बच्चे पर 5 मार्क,क्लास की सफाई पर 2.5 , किचेन की सफाई पर 2.5, स्कूल परिसर की साफ सफाई पर 2.5 और टॉयलेट की साफ-सफाई पर 2.5 तह किए हैं।
100 से न्यूनतम 85 अंक लाने वाले स्कूल को मिलेंगे 5 स्टार
शिक्षा एसीएस ने पत्र में स्पष्ट किया गया है कि संसाधन उपयोग पर 12 अंक,शैक्षणिक गतिविधियों पर 10 अंक, शिकायत निवारण पर 3 अंक मिलेंगे। ग्रेडिंग में जिस स्कूल का स्कोर 85 से 100 होगा उसे फाइव स्टार मिलेगा। इसे ए प्लस का दर्जा मिलेगा। वहीं 75 से 84 अंक लाने वाले स्कूलों को ए कैटेगरी मिलेंगी। 50 से 74 अंक लाने वालों को बी, 25 से 49 अंक लाने वाले को सी और 0-24 अंक लाने वाले को डी में रखा जायेगा।