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बिहार में अब साइबर अपराधियों की खैर नहीं ! नीतीश सरकार की बड़ी तैयारी, जल्द होगा ADG पद का सृजन

सूबे में लगातार बढ़ते साइबर अपराध के मामलों से न केवल आम और खास लोग हलकान हैं बल्कि पुलिस तंत्र के भी होश फाख्ता हैं। साइबर अपराध बिहार में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सबसे बड़ा अपराध बनता जा रहा है। इसके नित्य नए शातिराना तरीके सामने आ रहे हैं। राज्य के सभी 40 साइबर थानों में इस वर्ष अब तक साइबर अपराध से संबंधित 9 हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें एटीएम के माध्यम, फोन कर पासवर्ड पूछना समेत अन्य तरीके से ठगी के मामले सबसे अधिक हैं।

इन दिनों सूबे में डिजिटल अरेस्ट के मामले भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामले पिछले वर्षों की तुलना में इस बार 8 से 10 गुना की रफ्तार से बढ़े हैं। जनवरी से अब तक 320 मामले सामने आ चुके हैं। इस दौरान साढ़े 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी लोगों से कर ली गई है। इस राशि में महज डेढ़ करोड़ रुपये को ही होल्ड कराकर साइबर ठगों के चंगुल से बचाया जा चुका है। यह पहला मौका है, जब साइबर फ्रॉड के मामलों में डिजिटल अरेस्ट से जुड़े अपराध की संख्या सबसे अधिक सामने आए हैं।

इस को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत पूरा पुलिस तंत्र अब काफी गंभीर नजर आ रहा है और लोगों की गाढ़ी कमाई पर पड़ते डिजिटल डाके के खिलाफ बेहद कारगर कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू करते की कवायद शुरू की जा रही है। दरअसल, तकनीक के इस दौर में तकनीकी दक्षता के जरिए साइबर अपराधी नित नए शातिराना ठगी के हथकंडों के जरिए प्रत्येक दिन लाखों करोड़ों का फ्रॉड कर लोगों को चपत लगा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इसको देखते हुए अब सरकार ने ADG साइबर का नया पद सृजन कर साइबर अपराध पर लगाम लगाने का फैसला किया है। न केवल साइबर ADG का पद क्रिएट किया जाएगा बल्कि अन्य कई पदों का सृजन कर साइबर सेल को और अधिक प्रभावशाली और दक्ष बनाया जाएगा। विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि इस बाबत बहुत जल्द फैसला लिया जाएगा।

साइबर ADG पद जनवरी में होगी तैनाती!

बिहार की साइबर अपराध से गंभीरता से निपटाने की तैयारियों के बीच जल्द ही फैसला लेकर एडीजी समेत विभिन्न पदों के सृजन की खबरों के बीच सूबे का पहला ADG (साइबर) कौन होगा इसको लेकर पुलिस मुख्यालय के गलियारों में चर्चाओं का बाजार सरगर्म है। दरअसल, विगत दिनों 6 दिसंबर 2024 को एडीजी मुख्यालय  को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। राज्य पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ)अब उन्हें ही रिपोर्ट करेगी। पहले डीजीपी को किया करती थी।

इस बाबत बिहार पुलिस मुख्यालय, कार्मिक एवं कल्याण विभाग की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया। सूत्रों का दावा है कि इस आदेश के बाद से वर्तमान एडीजी (अभियान) बेहद असहज महसूस कर रहे हैं। सरकार का अंतिम निर्णय क्या होगा यह तो आने वाले दिनों में सार्वजनिक होगा लेकिन पुलिस महकमे से जुड़े विश्वस्त सूत्रों का दावा है कि बिहार पुलिस के साइबर कोषांग का पहला अपर पुलिस महानिदेशक बनने का गौरव 1998 बैच के आईपीएस अमृत राज को मिलने की पूरी संभावना है।


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