बिहार में अब ड्रोन उड़ाने के लिए उसे पहले पंजीकृत कराना होगा। राज्य सरकार ने ड्रोन का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। ऑनलाइन डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर ड्रोन को पंजीकृत किया जाएगा। इसके लिए आवेदक को एक विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित की जाएगी। तभी ड्रोन को उड़ाया जा सकेगा।
नियम को तोड़ने पर प्रशासन ड्रोन को जब्त कर लेगा और उसके मालिक व संचालक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को गृह विभाग की विशेष शाखा ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि ड्रोन के संचालन पर नजर रखने के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का किया गया है।
पुलिस अधीक्षक इसके सदस्य बनाए गए हैं। 250 ग्राम से अधिक वजन वाले ड्रोन को उड़ाने के लिए लाइसेंस जरूरी होगा। इसका परिचालन लाइसेंस प्राप्त रिमोट पायलट ही कर सकेंगे। ड्रोन उड़ाने के लिए लाइसेंस को भी डिजिटल स्काई प्लेटफार्म पर आवेदन करना होगा जिसकी वैधता दस साल होगी।
तीन जोन तय किए गए
●भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर 25 किमी और हवाई अड्डे की सीमा से पांच किमी परिधि का क्षेत्र रेड जोन होगा। राज्य सचिवालय या निदेशालय परिसर से तीन किमी परिधि और तेल रिफाइनरी, थर्मल पावर स्टेशन, सरकारी संस्थान के दो किमी की परिधि में ड्रोन पर रोक।
●हवाई अड्डे की परिधि से पांच से आठ किमी के बीच का जमीनी क्षेत्र और हवाई अड्डे की परिधि से आठ से 12 किमी का 200 फीट तक हवाई क्षेत्र येलो जोन होगा। यहां ड्रोन उड़ाने को एयर ट्रैफिक कंट्रोल से अनुमति जरूरी होगी। रेड व येलो से बाहर का क्षेत्र ग्रीन जोन होगा। यहां 400 फीट या 120 मीटर की ऊंचाई तक ड्रोन उड़ाने को अनुमति जरूरी नहीं होगी।