अब ब्रेकडाउन या किसी तरह की खराबी आने पर भी शहर के तिलकामांझी, मायागंज, बरारी और जीरोमाइल इलाके में बिजली गुल नहीं होगी। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को निर्बाध बिजली देने की तैयारी में विभाग जुट गया है।दअरसल, जेल और बरारी उपकेंद्र को एक और 33 हजार (अतिरिक्त) वोल्ट तार से जोड़ा जा रहा है। जो अंडरग्राउंड बिछाया जा रहा है। अंडरग्राउंड तार वैकल्पिक व्यवस्था के तहत की जा रही है।
इस वजह से तार टूटने, हाइटेंशन तार में फॉल्ट आने के बाद भी बरारी, जेल और मायागंज उपकेंद्र की बिजली बंद नहीं होगी और पांच मिनट में ही बिजली आपूर्ति बहाल हो जाएगी। मालूम हो कि जेल से ही मायागंज उपकेंद्र को बिजली मिलती है।
मार्च तक काम होगा पूरा
विद्युत विभाग के अधिकारियों के अनुसार वैकल्पिक अंडरग्राउंड 33 हजार तार बिछाने का काम पिछले साल ही पूरा होना था, लेकिन इसमें देरी हुई। मार्च तक काम पूरा कर लिया जाएगा। अंडरग्राउंड 33 हजार तार बिछाने के बावजूद ओवरहेड तार नहीं हटेगा।
पांच मिनट में वैकल्पिक लाइन से बहाल होगी बिजली
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, भागलपुर आपूर्ति क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता (शहरी) प्रकाश झा के अनुसार अंडरग्राउंड तार बिछाने के बाद किसी तरह का फॉल्ट होने पर पांच मिनट में वैकल्पिक लाइन से बिजली आपूर्ति की जाएगी। बरारी फीडर को दो हिस्सों में बांटकर छोटा किया जाएगा। इसका एक फीडर बरारी रोड में पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास बनाया जाएगा। वहीं, नाथनगर के फीडर को भी दो हिस्सों में बांटा जा रहा है।
11 हजार लाइन को अलग कर दूसरा फीडर बनाया जा रहा है। दोनों फीडरों का काम जल्द ही पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो हिस्सों में बांटने से फीडरों पर लोड बंट जाएगा। इससे ट्रिपिंग की समस्या का काफी हदतक समाधान होने के साथ ही फीडर का साइज छोटा होने से किसी तरह के फॉल्ट का पता लगाना आसान हो जाएगा। इसमें समय भी कम लगेगा।
यही नहीं, 11 हजार वोल्ट तार में फॉल्ट आने पर पूरे क्षेत्र की बिजली बाधित नहीं होगी। फीडर का क्षेत्र छोटा होने के ज्यादा देर के लिए बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी। इससे पहले हबीबपुर फीडर को दो हिस्सों में बांटा गया है। इससे फीडर पर लोड कमने से ट्रिपिंग की समस्या का काफी हदतक समाधान हुआ है। 11 हजार वोल्ट तार में फाल्ट आने पर एक-डेढ़ घंटे में ठीक कर फीडर को चालू कर आपूर्ति की जाती है।