सुप्रीम कोर्ट के अप्रैल में दिए गए आदेश के बाद, अब चुनाव आयोग ने SOP जारी किया है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने नया टेक्निकल स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस लेकर आया है। इसके जरिए अब EVM में लगे माइक्रो कंट्रोलर चिप्स की कथित गड़बड़ी, बदलाव और छेड़छाड़ की जांच की जा सकेगी। वहीं चुनाव के दौरान EVM के दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवार एक लिस्टेड फीस आयोग को देंगे। इसके साथ ही वे गड़बड़ी की आशंका होने पर अपने क्षेत्रों में लाई गई 5 प्रतिशत EVM मशीनों की जांच कर सकेंगे। अगर जांच में उनकी शिकायत सही पाई गई तो उन्हें अपने पैसे भी वापस मिल जाएंगे।
इसके अलावा, लोकसभा चुनाव के दौरान EVM और VVPAT के मेमोरी वेरिफिकेशन के लिए हर मशीन के लिए 40 हजार रुपये और उस पर 18 प्रतिशत का GST एडवांस जमा करना पड़ेगा। अगर जांच के दौरान ईवीएम डाटा और पर्चियों में गड़बड़ी पाई गई हो, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही शिकायतकर्ता को फीस की पूरी रकम वापस कर दी जाएगी। वहीं अगर शिकायत गलत पाई गई हो, तो शिकायतकर्ता की पूरी फीस जब्त हो जाएगी।