कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से 6 नवंबर के बाद ही चालान का ट्रायल शुरू होने की संभावना है पर इसमें संशय है। कारण यह है कि अभी एनईसी से सिर्फ स्वीकृति मिली है और यहां पहले से तैयार डाटा को कंट्रोल रूम के सॉफ्टवेयर से मिलान किया जा रहा है। मंगलवार को स्मार्ट सिटी के टेक्निकल टीम ने एनईसी से डाटा लेना शुरू कर दिया है। इसका टेस्टिंग भी किया जा रहा है कि कितने वाहनों का चालान ऑटोमेटिक काटा जा सकता है। एनईसी से सभी वाहनों का डाटा मिलने के बाद इसका फाइनल मिलान किया जाएगा और देखा जाएगा कि उसमें क्या बदलाव हो सकता है।बदलाव होने के बाद करीब सात दिन तक ऑटोमेटिक चालान सिस्टम कंप्यूटर में फीड कर छोड़ दिया जाएगा। जिससे कि यह देखा जा सके कि ऑटोमेटिक तरीके से कितने लोगों का चालान काटा गया। हालांकि, इस चालान से किसी वाहन मालिक से जुर्माना नहीं वसूला जाएगा। सिर्फ स्मार्ट सिटी की टीम, ट्रैफिक पुलिस व अन्य अफसर इसका आकलन करेंगे। जब सब कुछ सही हो जाएगा, तभी चालान काटा जा सकेगा। इसके लिए शहरवासियों को पहले से सूचित भी किया जाएगा, ताकि वे अलर्ट होकर शहर में वाहन चलाएं।
स्मार्ट सिटी के पीआरओ पंकज कुमार ने बताया कि अभी चालान सिस्टम को लेकर काम चल रहा है। इसके अलावा शहरी इलाके में जहां भी जेब्रा क्रॉसिंग, स्टॉपलाइन का निशान मिट चुका है, उसे मंगलवार की देर रात से बनाने का काम शुरू हो गया है।