बिहार के विश्वविद्यालयों की स्नातकोत्तर कक्षाओं और डिग्री कॉलेजों से लगातार तीन दिनों तक बिना पूर्व सूचना के (अनधिकृत रूप से) अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं का नाम काट दिया जाएगा। इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को दिया है। मालूम हो कि सितंबर माह से राज्य के स्कूलों से अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नाम काटा जा रहा है। इसी तर्ज पर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी कार्रवाई करने को कहा गया है।
विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि बिना वाजिब कारण के कोई विद्यार्थी लगातार तीन दिनों तक कक्षा से अनुपस्थित है, तो उसे नोटिस भेजकर जवाब मांगें। अगर, छात्र या छात्रा द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं है, तो उसका नाम काट दें। साथ ही उसका पंजीकरण भी रद्द करने की कार्रवाई करें। इसको लेकर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी की ओर से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र भेजा गया है।
कुलसचिवों को लिखे पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी विद्यार्थी की कक्षा में उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम रहती है तो उसे परीक्षा का प्रवेशपत्र नहीं दिया जाए। विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रक कुलसचिवों के सहयोग से यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित विद्यार्थी की उपस्थिति 75 प्रतिशत अथवा उससे अधिक रही है, इसके बाद भी उसका प्रवेशपत्र निर्गत किया जाएगा। अगर, 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति है तो प्रवेशपत्र जारी नहीं जारी होगा। उक्त दोनों आदेशों का दृढ़ता से पालन करने को विश्वविद्यालयों से कहा गया है।