असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा इन दिनों अपने बयानों और राज्य में लिए गए फैसलों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. इस बीच उन्होंने एक और बड़ा फैसला किया है. सीएम ने घोषणा राज्य में आधार कार्ड के लिए अब आवेदकों को अपना NRC आवेदन रसीद नंबर देना होगा. उन्होंने राज्य में घुसपैठ को रोकने के लिए इसे जरूरी बताया. सीएम ने ये भी कहा कि असम सरकार आधार कार्ड जारी करन में काफी सख्त होगी और आसानी से किसी को भी ये नहीं मिलेगा.
सीएम सरमा ने कहा कि इस काम के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाएगी. अगले महीने 1 अक्टूबर से इसे लागू कर दिया जाएगा. सीएम का कहना है कि राज्य में आधार कार्ड के लिए दिए गए आवेदनों की संख्या वहां की आबादी से कहीं ज्यादा है, जिससे पता चलता है कि राज्य में संदिग्ध नागरिक हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार ने फैसला किया है कि नए आवेदकों को अपना NRC आवेदन रसीद नंबर देना जरूरी होगा.
आबादी से ज्यादा आधार कार्ड के लिए आवेदन
सीएम ने कहा कि अगर आवेदकों के पास NRC और ARN है तो इससे पता चलता है कि वो राज्य में 2014 से पहले से रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के 4 जिलों में उसकी आबादी से ज्यादा आधार कार्ड के लिए आवेदन दिए गए हैं. उन्होंने कहा की पूरी जांच पड़ताल के बाद ही आधार कार्ड जारी किए जाएंगे.
अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
इसके साथ ही बीजेपी नेता ने कहा कि जो लोग राज्य में अवैध कब्जा करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और इसमें धर्म को नहीं देखा जाता है. उन्होंने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया के बाद विदेशियों का पता लगाने की प्रक्रिया लगभग बंद हो गई थी. लेकिन अब फिर से इसे शुरू करने का आदेश दिया गया है. राज्य में अवैध लोगों की पहचान करने को कहा गया है.उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीनों में राज्य सरकार ने 20-30 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है या उन्हें वापस भेज दिया है.