बिहार में अब पंचायत स्तर पर खुलेंगे नीरा कैफे, जीविका के स्तर से प्रयास चल रहा

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प्रदेश में पंचायत स्तर पर नीरा कैफे खोले जाएंगे। इस दिशा में जीविका के स्तर से प्रयास चल रहा है। जल्द ही नीरा कैफे ग्रामीण इलाकों में छोटे कस्बों में भी उपलब्ध होगा। पटना जिले में वर्तमान में 243 जगहों पर नीरा कैफे का संचालन किया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इसकी संख्या अगले साल बढ़ा दी जाएगी।

प्रयास किया जा रहा है कि प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक नीरा कैफे हो। पटना जिले में 309 पंचायते हैं, इसीलिए इसके अनुरूप कैफे खोलने की तैयारी चल रही है। इस वर्ष नीरा कैफे से जूस, बर्फी एवं अन्य उत्पादों की बिक्री अधिक हुई है। बरसात के दिनों में भी नीरा जूस की उपलब्धता रहे, इसकी तैयारी चल रही है। जीविका के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी का कहना है कि अगले वर्ष से नीरा जूस एवं उसका उत्पादन काफी मात्रा में किया जाएगा।

पटना में सबसे अधिक बिक्री

जीविका के अधिकारियों का कहना है कि पटना जिले में सबसे अधिक संजय गांधी जैविक उद्यान के गेट नंबर की और गेट नंबर 2, पटना रेलवे स्टेशन तथा बैरिया बस स्टैंड स्थित नीरा कैफे में इस वर्ष सबसे अधिक बिक्री की गई है। बिस्कोमान स्थित नीरा कैफे में भी लोगों ने अलग-अलग उत्पाद को पसंद किया है। पटना जिले में 7 लाख 36 हजार 71 उत्पादन हुआ। इसमें सात लाख 20 हजार 739 लीटर नीरा की बिक्री की गई। इसी प्रकार गया जिले में इस वर्ष 19 लाख 86 हजार 143 लीटर नीरा का उत्पादन किया गया। इसमें 18 लाख 52 हजार 344 लीटर नीरा की खपत हुई।

बरसात में भी मिलेगा जूस

ताड़ी से बनाया जाने वाला नीरा जूस बरसात के दिनों में अक्सर मिलना बंद हो जाता है। जीविका और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग मिलकर जल्द ही ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जिससे नीरा कैफे में नीरा का जूस बरसात के दिनों में भी मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक एजेंसी से बातचीत चल रही है।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.