खरमास विभिन्न हिन्दू पंचांगों में एक अवकाशकाल है जब धार्मिक कार्यों का निर्वाह नहीं किया जाता है, इसे ग्रहण के कारण माना जाता है। यह सामान्यत: दिसंबर-जनवरी महीने में होता है और सूर्य और चंद्रमा के एक समेत नक्षत्र में आने को लेकर माना जाता है।
आज से खरमास की शुरुआत हो गयी। अब एक माह तक शुभ कार्य नहीं होंगे। इससे पूर्व इस साल के अंतिम लग्न में रविवार को विवाह भवन व मंदिरों में काफी चहल-पहल रही।
बूढ़ानाथ मंदिर में पूर्णिया और जमुई के युवक व युवती भी विवाह करने पहुंचे थे। प्रबंधक बाल्मिकी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को मंदिर में सात विवाह हुआ। इसमें लड़की पक्ष से 950 व लड़का पक्ष से 1050 रुपये विवाह खर्च के रूप में लिया गया। उधर, एक विवाह संचालक शंकर पटेल ने बताया कि उनके तीन विवाह भवन में तीन शादियां हुईं। इस बार नवंबर से दिसंबर में लगभग 15 दिनों तक बुकिंग हुई।