बिहार के सभी 8500 नगर एवं ग्राम पंचायतों में खेल क्लब खोले जाएंगे.इस बात की जानकारी देते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि इससे खेल के क्षेत्र में ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का बेहतर मौका मिलेगा।
खेल प्राधिकरण और खेल विभाग ने रखा था प्रस्तावः बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेश रवींद्रण शंकरण के मुताबिक “ग्रामीण स्तर तक युवाओं के लिए विविध खेल विधाओं में प्रतियोगिता और प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था के लिए खेल प्राधिकरण और खेल विभाग ने सरकार के सामने ये प्रस्ताव रखा था कि हर नगर और ग्राम पंचायत में सभी संसाधनों से युक्त खेल क्लब खोले जाएं.”
कैबिनेट ने दी मंजूरीः ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को निखारने के इस महत्वाकांक्षी प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने मंजूरी दे दी.कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद बिहार के खिलाड़ियों के साथ-साथ खेल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी काफी खुश हैं. खेल प्राधिकरण के महानिदेशक ने कहा कि “ये ऐतिहासिक फैसला लिया गया है.”
” सरकार का ये फैसला बिहार के खेल के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय लिखेगा.पंचायत स्तर पर खुलने वाले खेल क्लब बिहार के गांव-गांव तक खेल आंदोलन को पहुंचाने में बहुत मह्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इससे न सिर्फ बिहार के युवाओं में खेल के प्रति उत्साह जगेगा बल्कि समय बर्बाद करने की जगह खेल में अपनी प्रतिभा साबित कर खेल को करिअर के रूप में अपनाने की प्रेरणा भी मिलेगी.” रवीन्द्रण शंकरण, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण
राज्य खेल प्राधिकरण से संबद्ध होंगे खेल क्लबः बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के निदेशक सह सचिव पंकज कुमार राज ने “बताया कि “सभी खेल क्लब बिहार राज्य खेल प्राधिकरण से संबद्ध होंगे तथा उनके रख रखाव और संचालन के लिए खेल प्राधिकरण द्वारा नियुक्त समिति की अनुशंसा पर उन्हें आर्थिक अनुदान भी मिलेगा.”
“हर क्लब के पास खेल का मैदान होगा और जिनके पास मैदान नहीं होगा उनके लिए सरकार जमीन अधिग्रहण करेगी और खेल मैदान की व्यवस्था करेगी.सरकार का यह फैसला खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है.” पंकज कुमार राज, निदेशक सह सचिव, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण