अब ‘बात खत्‍म’! काबुल के लड़ाके द‍िल तो जीत ही रहे थे..अब जीतने लगे मुकाबले

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‘They hurt us..Now we hurt them! बात खत्‍म।’..टी20 वर्ल्‍ड कप में ऑस्‍ट्रेल‍िया को हराने के बाद अफगान‍िस्‍तानी ख‍िलाड़ी रहमनुल्‍ला गुरबाज की ये बातें वो दर्द बयां करने के ल‍िए काफी थीं, जो कंगारू टीम ने न स‍िर्फ अफगान‍िस्‍तान बल्‍क‍ि हमें (टीम इंड‍िया) भी द‍िया था। प‍िछले साल हुए वनडे व‍िश्‍व कप में ऑस्‍ट्रेल‍िया ने जो द‍िल तोड़े, उन पर आज अफगान‍िस्‍तान की जीत से कुछ हद तक तो मरहम जरूर लगा होगा। पहले अफगान‍िस्‍तान ने सुपर-8 में ऑस्‍ट्रेल‍िया को तगड़ा जख्‍म द‍िया। फ‍िर कल रात को टीम इंड‍िया ने 6 बार की वनडे व‍िश्‍व कप चैंप‍ियन और एक बार टी20 वर्ल्‍ड कप व‍िजेता ऑस्‍ट्रेल‍िया के जख्‍मों पर नमक छ‍िड़क द‍िया।

अब काबुल के लड़ाकों ने सांसे रोक देने वाले रोमांचक मैच में बांग्‍लादेश को हराकर ऑस्‍ट्रेल‍िया को बाहर कर इत‍िहास रच द‍िया है। सच कहें तो सही मायने में अब ‘बात खत्‍म’ हुई है। ऑस्‍ट्रेल‍िया अब जो ‘Hurt’ हुई है, उसे लंबे समय तक याद रखेगी। अगर यहां अफगान‍िस्‍तान लड़खड़ा जाती तो ये कसक न स‍िर्फ अफगान‍ नागर‍िकों के मन में बल्‍क‍ि भारतीयों के मन में भी रह जाती। इसके पीछे की वजह भी है। अफगान‍िस्‍तान में ताल‍िबान का शासन है। बारूद की गंध के बीच युवा क्र‍िकेट में खुशी तलाश रहे हैं और भारत हमेशा से इस देश को फ‍िर से अपने पैरों पर खड़ा करने की कोश‍िशों में जुटा रहता है। अफगान‍िस्‍तान टीम प्रेक्‍ट‍िस भी भारत में ही करती है। यहीं उनका होम ग्राउंड भी है।

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जब स‍िर्फ द‍िल जीतना काफी न हो

अफगान‍िस्‍तान टीम लगातार बड़े टूर्नामेंट्स में कोई न कोई उलटफेर जरूर करती आ रही थी। मगर यह सफलता स‍िर्फ दूध में आए एक बार उबाल की तरह रहती। मैच जीतते..खुश होते..मैदान में जमकर थ‍िरकते और फ‍िर बाहर हो जाते। प‍िछले साल भारत में खेले गए वनडे व‍िश्‍व कप में भी अगर कोई टीम थी, ज‍िसने सबसे ज्‍यादा द‍िल जीता तो वह अफगान टीम ही थी। टीम ने 9 में से 4 मैच जीते और पूर्व चैंप‍ियन इंग्‍लैंड को भी पीछे छोड़ा। इस कड़ी में पाक‍िस्‍तान और इंग्‍लैंड को धूल चटाई।

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लेक‍िन जब मंज‍िल बहुत ही पास थी तो टीम लड़खड़ा गई। मुकाबला ऑस्‍ट्रेल‍िया से था और टीम अगर जीतती तो सेमीफाइनल की ट‍िकट पक्‍की हो जाती। करोड़ों फैंस की यही दुआ थी अफगान टीम मैच जीत जाए। टीम जीत के बहुत करीब भी आई। 292 के लक्ष्‍य का पीछा करते हुए ऑस्‍ट्रेल‍िया के 7 बल्‍लेबाज महज 91 रन पर पवेल‍ियन लौट गए। मगर इसके बाद पैर में क्रैम्‍प के साथ भी ग्‍लेन मैक्‍सवेल ने चमत्‍कार कर द‍िया। उनकी डबल सेंचुरी के साथ ही द‍िल टूट गए। अफगान‍िस्‍तान के खेल की सभी ने तारीफें कीं, लेक‍िन एक चीज सभी को खली…वो थी बड़े मैच न खेल पाने का अनुभव। हर क‍िसी को लगा क‍ि स‍िर्फ द‍िल जीतने से काम नहीं चलेगा..अब कुछ बड़ा जीतने का टाइम भी आ गया है।

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‘ज‍िस द‍िन ग‍िरा देंगे’

वनडे व‍िश्‍व कप में अफगान टीम के मेंटॉर के रूप में साथ रहे अजय जडेजा ने कहा था क‍ि ज‍िस द‍िन वो ऑस्‍ट्रेल‍िया जैसी टीम को ग‍िरा देंगे..उस द‍िन बड़ी टीम हो जाएगी। इस टी20 व‍िश्‍व कप में अफगानों ने यही कर द‍िखाया। पहले ऑस्‍ट्रेल‍िया को ग‍िराया और अब जब बांग्‍लादेश के ख‍िलाफ जब मैच हाथों से फ‍िसलता द‍िख रहा था, तो खुद पर संयम रखा। द‍िल में जोश और द‍िमाग को ठंडा बनाए रखा और नतीजा आज सभी के सामने है।

जीत का व‍िटाम‍िन

रोजर फेडरर…नोवाक जोकोव‍िच..ऑस्‍ट्रेल‍िया टीम, इन सबमें एक ही बात कॉमन है। बड़े मैच में अपने प्रदर्शन को बड़ा कर देना। अक्‍सर देखा गया है क‍ि जब ये ख‍िलाड़ी या टीम बड़े मैच में होते हैं, तो इनका जलवा ही अलग होता है। इन्‍हें हराना लगभग नामुमक‍िन हो जाता है। इसका एक उदाहरण ऑस्‍ट्रेल‍ियाई टीम है, जो अक्‍सर बड़े मैचों को एकतरफा बना देती है। फेडरर, सेरेना को भी अक्‍सर देखा गया है क‍ि वो प‍िछड़ने के बावजूद बड़े मैचों में शानदार वापसी कर लेते थे। इसके पीछे की वजह थी, बड़े मैचों में खेलने का अनुभव। अब ये अनुभव अफगान‍िस्‍तान के पास भी होगा। अब उसका सफर क‍ितना आगे जाएगा, यह तो वक्‍त ही बताएगा, लेक‍िन यह तय है क‍ि सेमीफाइनल खेलने के बाद अफगान टीम का अंतर साफ नजर आने वाला है।

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