बेगूसराय के थानों में अब हाथ से FIR लिखने की व्यवस्था खत्म, 30 मिनट के अंदर पीड़ित को मिल जाएगी केस की कॉपी
बिहार में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. राज्य में अब सीसीटीएनएस (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) के माध्यम से बिहार के सभी थानों में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज होगी. इसके लिए अब बेगूसराय पुलिस भी तैयार है. यहां के थानों में भी अब हाथ से FIR लिखने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है।
30 मिनट में मिलेगी F.I.R की कॉपी
मिली जानकारी के अनुसार, बेगूसराय पुलिस द्वारा नई व्यवस्था को लागू किया गया है. इस व्यवस्था में अब F.I.R को सीसीटीएनएस पर दर्ज किया जायेगा. इतना ही नहीं शिकायतकर्ता को तीस मिनट के अंदर F.I.R की एक कॉपी दे दी जायेगी. हाथ से लिखने वाली व्यवस्था को पूर्णतः बंद कर दिया गया है।
पुलिस विभाग के कामकाज में आएगी पारदर्शिता
इस संबंध मे बेगूसराय के एसपी योगेंद्र कुमार ने बताया कि बेगूसराय जिला पुलिस ने वर्ष 2024 से पहले नई व्यवस्था को लागू कर दिया है. इन दोनों कदमों से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पुलिस विभाग के जो कामकाज है उसमें पारदर्शिता एवं जबाबदेही को बढ़ाने में इससे बहुत मदद मिलेगी।
F.I.R दर्ज करने के समय पर रहेगी नजर
उन्होंने बताया कि खास तौर पर हमारी पैनी नजर F.I.R दर्ज करने के समय एवं गिरफ्तारी के समय पर रहेगी. जिसके कारण कोई भी स्टाफ इसमें गड़बड़ी करना चाहेगा तो भी उसके लिए कोई दायरा नहीं रह जायेगा. इससे पुलिस विभाग के कर्मियों में पारदर्शिता एवं जबाबदेही बढ़ेगी।
वरीय पदाधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग
उन्होंने बताया की एसपी एवं पुलिस मुख्यालय के वरीय पदाधिकारियों द्वारा इसका मॉनिटरिंग किया जायेगा. इस संबंध मे पुलिस अधीक्षक द्वारा बेगूसराय के द्वारा सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं सभी अंचल निरीक्षक थानाध्यक्ष को विस्तृत आदेश दे दिए गए है. पिछले एक सप्ताह से बेहतरीन कार्य भी किया जा रहा है।
जिला पुलिस ने वर्ष 2024 से पहले नई व्यवस्था को लागू कर दिया है. जिले के थानों में भी अब हाथ से FIR लिखने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है. इससे पुलिस विभाग के कर्मियों में पारदर्शिता एवं जबाबदेही बढ़ेगी.” – योगेंद्र कुमार, एसपी, बेगूसराय
क्या है CCTNS
सीसीटीएनएस भारत सरकार की परियोजना है. इसका उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों की पहचान से संबंधित आईटी आधारित स्टेट ऑफ आर्ट ट्रैकिंग प्रणाली का विकास करना है. इसके लिए ई-गवर्नेंस के सिद्धांत के तहत राष्ट्रव्यापी नेटवर्किंग संरचना तैयार की जा रही है. इस सिस्टम से देश के किसी भी थाने से किसी अपराधी के बारे में पूरी जानकारी ऑनलाइन मिलेगी।
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