D2M TV Service : बिना इंटरनेट के मोबाइल पर अब टीवी देखना संभव होगा. क्योंकि सरकार डायरेक्ट टू मोबाइल सुविधा की दिशा में काम कर रही है. CNBC के हवाले से खबर मिली है कि सरकार इसके लिए स्टैंडर्ड बना रही है, जिससे फ्री टू एयर चैनल मोबाइल पर चलेंगे और वाई-फाई एंटीना का काम करेगा. इस कवायद को पूरा करने के लिए कंपनियों को इसके लिए मिडिल वियर लगाने होंगे. इस बारे में टेलिकॉम इंजीनियरिंग सेंटर ने ड्राफ्ट जारी किया है।
दरअसल डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) ब्रॉडकास्ट को लेकर योजना बनाई जा रही है. हाल ही में सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्वा चंद्रा ने कहा था कि डायरेक्ट-टू-मोबाइल ब्रॉडकास्टिंग पर एक पायलट स्टडी जल्द ही दिल्ली-एनसीआर में शुरू की जाएगी, जिसमें टेलीविजन की पहुंच को कई गुना बढ़ाने की क्षमता है।
सरकार का ‘D2M’ प्लान
सरकार ने ऐसी टेक्नोलॉजी की परख करने की परमिशन दे दी है, जो सीधे लोगों के मोबाइल स्क्रीन पर टीवी चैनल्स का प्रसारण करेंगे जैसे अभी केबल कनेक्शन या डी2एच से होता है. आईआईटी कानपुर और टेलीकॉम विभाग एवं सूचना और प्रसारण मंत्रालय इस दिशा में साथ काम कर रहे हैं।
हालांकि इस मामले की जानकारी रखने वाले सरकारी सूत्रों का कहना है कि अभी इस टेक्नोलॉजी का महज परीक्षण चल रहा है. अंतिम निर्णय टेलिकॉम ऑपरेटर्स और अन्य स्टेक होल्डर्स से बातचीत के बाद लिया जाएगा।
देश में 80 करोड़ स्मार्टफोन यूजर
अभी देश में टीवी की पहुंच करीब 22 करोड़ घरों तक है, जबकि देश में स्मार्टफोन यूजर की संख्या 80 करोड़ है, जो 2026 तक बढ़कर 100 करोड़ होने की संभावना है. अभी फोन पर 80 प्रतिशत इंटरनेट का कंजप्शन वीडियो पर होता है, ऐसे में फोन पर टीवी देखने की सुविधा देना मार्केट में बड़ा गेमचेंजर होगा।
वहीं सरकार का प्रस्ताव है कि ब्रॉडकास्ट कंपनियां ब्रॉडबैंड की सुविधा भी दे सकती हैं. इससे मोबाइल नेटवर्क कॉल इत्यादि के लिए ज्यादा मात्रा में फ्री रह पाएगा और कॉल ड्रॉप की समस्या कम होगी।
टेलीकॉम कंपनियां विरोध में, अगले हफ्ते बड़ी बैठक
अधिकतर टेलीकॉम कंपनियां सरकार के इस प्रस्ताव के विरोध में हैं, क्योंकि इससे उनके डेटा रिवेन्यू पर असर पड़ेगा. कंपनियों का ज्यादा डेटा कंजप्शन वीडियो पर ही होता है और ये प्रस्ताव कंपनियों के 5G एक्सपेंशन को भी झटका देगा।
डायरेक्ट 2 मोबाइल सर्विस को लेकर अगले हफ्ते एक बड़ी बैठक होने जा रही है. इसमें दूरसंचार विभाग के अलावा सूचना प्रसारण मंत्रालय और आईआईटी कानपुर के अधिकारी शामिल होंगे. साथ ही टेलिकॉम और ब्रॉडबैंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधि भी इस बैठक में आ सकते हैं।