कोच्चि जल मेट्रो की सफलता के बाद अब सरकार बिहार में भी वाटर मैट्रो चलाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि, राजधानी पटना की सघन ट्रैफिक व्यवस्था को देखते हुए अब पटना में वाटर मेट्रो भी चलेगी। कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड की ओर से यह जानकारी दी गई। जानकारी के मुताबिक, देश भर में 18 स्थानों पर यह सुविधा मुहैया कराने की तैयारी है। पर्यावरण अनुकूल इस नए जल परिवहन मॉडल को दोहराने की प्लानिंग चल रही है।
20 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
जानकारी के मुताबिक, पटना के गंगा तट पर कई मेट्रो स्टेशन बनाये जायेंगे। गंगा नदी का बड़ा किनारा होने का कारण विस्तारित ग्रेटर पटना (कोईलवर से बख्तियारपुर) के नदी किनारे वाली 20 लाख से अधिक की आबादी को आवाजाही में सीधा फायदा मिलेगा। दानापुर से फतुहा तक लोगों का सफर चंद मिनटों में पूरा होगा। इसके लिए खास तरह के स्पीट बोट का उपयोग होगा।
प्रारंभिक कार्य के लिए एक आंतरिक समिति गठित
बयान में कहा गया कि, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने विभिन्न क्षेत्रों में इसी प्रकार का जल मेट्रो सिस्टम की क्षमता का आकलन करने का काम सौंपा है। हाल ही में अपने निदेशक मंडल से परामर्शदात्री शाखा बनाने की मंजूरी मिली है। इसके बाद केएमआरएल ने प्रारंभिक कार्य के लिए एक आंतरिक समिति गठित की है। जरूरत पड़ने पर इस कार्य के लिए बाहरी विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा।’ बयान में कहा गया कि, यह नई पहल केएमआरएल केरल के नवाचार और विशेषज्ञता के लिए गौरव की बात है। बता दें कि, केएमआरएल की विज्ञप्ति में उन शहरों के बारे में भी बताया गया जहां जल मेट्रो चलाए जाने की तैयारी है। इनमें अहमदाबाद, सूरत, मंगलुरु, अयोध्या, धुबरी, गोवा, कोल्लम, कोलकाता, पटना, प्रयागराज, श्रीनगर, वाराणसी, मुंबई, कोच्चि और वसई शामिल हैं।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा जल मेट्रो रेल सिस्टम
केएमआरएल की ओर से जारी बयान में जानकारी दी गई कि, जल मेट्रो रेल सिस्टम को आधुनिक सुविधाओं और पर्यावरण के हिसाब से तैयार किया गया है। इसका डिजाइन टिकाऊ है। इस तरह कोच्चि जल मेट्रो ने शहरी जल परिवहन के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। फिलहाल नदियों, झीलों और तटीय क्षेत्रों में जल मेट्रो सेवा स्थापित करने की संभावना पर चर्चा जारी है। संभावित जगहों में गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी, जम्मू कश्मीर में डल झील व अंडमान और लक्षद्वीप में द्वीपों को जोड़ा जाएगा। इसे लेकर अलग-अलग स्तर पर स्टडी की जा रही है और संभावित मार्गों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।